तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा तो कर लिया लेकिन देश को संभालने में असमर्थ है। तालिबानियों के आने के बाद से देश में तेजी से आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। जिसके लिए अब अमेरिका ने मदद का ऐलान करते हुए कहा है कि, वह 64 मिलियन डॉलर (करीब 470 करोड़ रुपए) की मानवीय सहायता देने के लिए तैयार है.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉम्पसन-ग्रीनफील्ड ने कहा कि, अफगानिस्तान की स्थिति बेहद गंभीर है, जिसे देखेतो हुए अमेरिका 64 मिलियन डॉलर की मानवीय मदद देने के लिए तैयार है। अफगानिस्तान की जमीनी स्थिति का अकलन किया जाएगा और भविष्य में और मदद देने पर विचार होगा। उन्होंने जिनेवा में अफगानिस्तान पर आयोजित मानवीय सम्मेलन में तालिबान से उसकी प्रतिबद्धताएं बनाए रखने का आह्वान किया और उसके (तालिबान) द्वारा सहायता वितरण में बाधा उत्तपन्न करने की खबरों का भी जिक्र किया।
अमेरिका के अलावा संयुक्त राष्ट्र भी अफगानिस्तान में मानवीय अभियान का समर्थन करने के लिए दो करोड़ अमेरिकी डॉलर देगा। महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि युद्धग्रस्त देश में लोग दशकों की पीड़ा और असुरक्षा के बाद शायद अपने सबसे खतरनाक समय का सामना कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए अब उनके साथ खड़े होने का समय है। अफगानिस्तान के लोगों को भोजन, दवा, स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षित पानी, स्वच्छता और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता है।
तालिबान के आने से पहले से ही अफगानिस्तान की आधी से ज्यादा आबादी मानवीय मदद पर निर्भर थी, लेकिन तालिबान के आने के बाद से यह संख्या और बढ़ गई है जिसके चलते भारी आर्थिक संकट आ गया है। अभी खबर आई थी कि, अफगानिस्तान में लोगों का हाल इतना बुरा है कि, लोग अपना अपना पेट पालने के लिए घरों का सामान बेच रहे हैं। काबुल में कई लोग अपने घरों का सामन लेकर सड़कों पर बेचने के लिए खड़े हैं।