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Congo में फटा ज्वालामुखी, दूत बनकर पहुंची Indian Army ने बचाई लोगों की जान

Image Courtesy Google

कांगो के गोमा शहर के नजदीक स्थित ज्वालामुखी माउंट नीरागोंगो शनिवार को फट गया जिससे पूरा आसमान लाल रंग का हो गया और लावा बहकर सड़कों पर आ गया। ज्वालामुखी फटने से शहर के लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकलकर भागने लगे। इस दौरान भारतीय सेना वहां से आम लोगों को सुरक्षित निकलने में मदद कर रहे हैं। भीरतीय सेना की ये टुकड़ी यूएन पीसकीपिंग मिशन के तहत काफी लंबे समय से कॉन्गो में तैनात है।

भारतीय सेना के मुताबिक, 22 मई शनिवार की शाम को कॉन्गों के गोमा शहर के करीब माउंट नयारगोंगो में ज्वालामुखी फट गया। ज्वालामुखी फटने के चलते संयुक्त-राष्ट्र यानि यूएन ने शहर में तैनात शांति-सेना को यहां से सुरक्षित स्थान पर जाने का अलर्ट जारी कर दिया। लावा के शहर में दाखिल होने के डर से स्थानीय लोग भी शहर छोड़कर जाने लगा। ऐसे में यूएन पीसकीपिंग मिशन का हिस्सा, भारतीय सेना की टुकड़ी ने मोर्चा संभाल लिया।

भारतीय सेना ने सबसे पहले अपने 70 प्रतिशत सैनिकों को सुरक्षित एक दूसरी कंपनी-हेडक्वार्टर में भेज दिया। इसके बाद 30 प्रतिशत सैनिकों की मदद से गोमा शहर मे अपने ब्रिगेड हेडक्वार्टर को सुरक्षित करने के अलावा यूएन बिल्डिंग और शहर के एयरपोर्ट और एविएशन फ्यूल डिपो को सुरक्षित अपने घेरे में ले लिया। जानकारी के मुताबिक, सेना ने शहर के आम लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर जाने में मदद की।

यह ज्वालामुखी पिछसी बार वर्ष 2002 में फटा था तब यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और लावा हवाईअड्डे के सभी रनवे पर पहुंच गया था। संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई। जिसमें कहा गया है कि, वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है।

मिशन की ओर से कहा गया, ''ऐसा लगता नहीं है कि लावा गोमा शहर की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हम सतर्क हैं. हालांकि ज्वालामुखी फटने के बाद दहशत में आए हजारों लोग शहर से चले गए हैं।