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America छोड़ गया Taliban के लिए हथियार का जखीरा, अब दुनिया देखेगी तबाही का मंजर!

क्या अब अमेरिका का विमान, हेलिकॉप्टर, बंदूक, गोला-बारूद बनेगा Taliban के आतंक फैलाने का हथियार

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के कुछ ही दिन बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। अब तालिबान के कब्जे में अमेरिका के लाखों आधुनिक हथियार हैं, इसमें मशीन गन, राइफल, गोला-बारूद, टैक, से लेकर विमान और हेलिकॉप्टर भी शामिल है। अमेरिकी सेना द्वारा छोड़े गए वर्दी और आधुनिक हथियारों का इस्तेमान तो अब तालिबानी कर ही रहे हैं, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या अब वो अमेरिका के विमान और हेलिकॉप्टरों का भी आतंक फैलाने के हथियार के रुप में प्रयोग करेंगे।

तालिबान को अमेरिका ने बैठे-बिठाए आतंक फैलने के लिए हथियार दे दिए। यहां तक की अमेरिका ने अपने विमानों और चिनूक हेलीकॉप्टरों तक को अफगानिस्तान में छोड़ कर चला गया जिसके लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप जमकर बाइडेन सरकार की आलोचना कर रहे हैं। दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने तय समय (31 अगस्त) से पहले अफगानिस्तान छोड़ दिया है। इसके बाद तालिबान के लड़ाके काबुल हवाई अड्डे के एक हैंगर में घुसते हैं, जहां उन्हें चिनूक हेलीकॉप्टरों की जांच करते हुए देखा गया है। तालिबान का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है। इस वीडियो को एक पत्रकार नबीह बुलोस ने ट्वीट किया है।

कम से कम दस हथियारबंद तालिबानियों को हेलिकॉप्टर के पास देख जा सकते हैं। उन्होंने वीडियो का कैप्शन दिया है- "अब, वे (तालिबान) पदभार संभाल रहे हैं।" 28 सेकंड की इस क्लिप को देखते हुए ट्विटर यूजर ने हेलिकॉप्टरों के वहां छोड़े जाने के बारे में चिंता व्यक्त की है। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि सेना ने काबुल हवाई अड्डे पर जाने से पहले कई विमानों और बख्तरबंद वाहनों के साथ-साथ एक उच्च तकनीक वाले रॉकेट रक्षा प्रणाली को अक्षम कर दिया है। मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा है कि, हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को बेकार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि, अब वे विमान फिर कभी उड़ान नहीं भरेंगे। वे कभी भी किसी के द्वारा संचालित नहीं हो पाएंगे।

वहीं, अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि, सभी सैन्य उपरणों को तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका वापस लाना चाहिए, जो कि करीब 85 बिलियन अमेरीकी डॉलर के हैं। अगर इसे वापस नहीं किया जाता है तो हमें फिर से सैन्य बल के साथ अंदर जाना चाहिए और इसे प्राप्त करना चाहिए। कम से कम बमों को वहां से बाहर निकालना चाहिए। किसी ने कभी भी ऐसी मूर्खता के बारे में नहीं सोचा था। डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडेन द्वारा उठाए गए इस कदम को कमजोर दिमाग का परिणाम बताया है।