अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद कई देश उसे मान्यता देने में कतरा रहे हैं। इस बीच ताजिकिस्तान ने तालिबान को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। ताजिकिस्तान की राष्ट्रीय सूचना एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि ताजिकिस्तान अफगानिस्तान में दमन से बनी किसी भी सरकार को मान्यता नहीं देगा। ये बयान तब आया है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरेशी ताजिकिस्तान के दौरे पर हैं।
अपने बयान में ताजिकिस्तान ने कहा कि साक्ष्य स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि तालिबान देश में अन्य राजनीतिक ताकतों की व्यापक भागीदारी के साथ एक अंतरिम सरकार बनाने के अपने पिछले वादे से पीछे हट रहे हैं और देश में इस्लामिक पंथ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। दुशांबे ने कहा कि उसने हमेशा पड़ोसी देश में स्थिरता की बहाली का समर्थन किया है। बता दें कि ताजिकिस्तान अफगानिस्तान के साथ 1,300 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। बयान में आगे कहा गया है कि ताजिकिस्तान अफगान लोगों, विशेष रूप से ताजिक, उज्बेक्स और अन्य राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों के सभी प्रकार की अराजकता और उत्पीड़न की कड़ी निंदा करता है।
ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए कदम उठाने की मांग की साथ ही कहा कि इसपर जलद से जल्द बातचीत से हर निकाला जाए। ताजिकिस्तान की ओर से एक बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उदासीनता लंबे समय तक गृहयुद्ध का कारण बन सकती है।