अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद लोगों में डर है। लाखों लोग देश छोड़कर भाग गए। हजारों मार दिए गए, लेकिन जो बचे हैं वो तालिबान के खिलाफ डट कर खडे़ हैं। ये लोग तालिबानी हुकूम के खिलाफ बोल भी रहे हैं और सड़कों पर निकल कर प्रदर्शन भी कर रहे है। तालिबान के खिलाफ महिलाओं ने जन-विद्रोह शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान में लगातार महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं, तालिबान और पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल रही हैं। ये महिलाएं अपने हक के लिए लड़ रही हैं। तालिबान के आते ही इनके सारे अधिकारों की छीन लिया गया है।
तालिबानी बंदूकों के सामने भी महिलाएं निडर खड़ी हैं और महिलाओं का ये विरोध जन विद्रोह की शक्ल ले रहा है। हालांकि इस बार तालिबान खुद की उदारता का ढोंग रच रहा है। आज भी तालिबान सरकार ने जो घोषणा पत्र जारी किया उसमें सबके लिए बराबरी की बात कही। पर पिछले दो दिनों से महिला प्रदर्शनकारियों के साथ तालिबानियों की क्रूरता की तस्वीरें बहुत साफ दिख रही हैं। कई महिलाोओं पर पीटा गया है। तालिबानी महिलाओं पर कोड़े बरसाते आतंकी उन्हें ये नसीहत देने की कोशिश कर रहे हैं कि विद्रोह की सजा तालिबानी कोड़ा है।
तालिबान के क्रूरता के बाद बाद भी अफगानिस्तान में कई शहरों में विद्रोह प्रदर्शन हो रहे हैं। हाथों में बराबरी के हक वाली तख्ती और तालिबान से चाहिए आजादी के नारे लगाती महिलाएं चौक चौराहों से गुजरीं। तालिबान के बंदूकों के सामने ये नहीं झूक रही हैं। हालांकि आज भी महिलाओं के प्रदर्शन को कुचलने के लिए तालिबानियों ने फायरिंग की। जहां कहीं महिलाओं का रेला आते दिखा वहां तालिबानियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई।
तालिबान के खिलाफ देश के आलवा कई औऱ जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अमेरिका भारत में भी लोग तालिबान के खिलाफ नारे लगाते सड़कों पर निकल रहे हैं। ऐसे में ये साफ़ है कि तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में जन विद्रोह शुरू हो चुका है जिसे तालिबान बंदूकों के बूते कुचलने की कोशिश कर रहा है।