शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने संदेश भेजकर देश में महामारी को लेकर संवेदना जाहिए की और कोरोना की दूसरी लहप से निपटने के लिए मदद की पेशकश की। वैसे हाल ही में चीन खुद ही भारत की मदद के लिए न्योता दिया था और बाद में खुद ही हाथ पीछे खिंच लिया। अब एक बार फिर से चालबाज चिन मदद के लिए कह रहा है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, राष्ट्रपति शी ने पीएम मोदी को भारत में महामारी को लेकर संवेदनाएं भेजी हैं। इस संदेस में शी ने कहा है कि चीन महामारी के खिलाफ भारत को मजबूती देने के लिए समर्थन और मदद देना चाहता है।
बताते चले कि एक दिन पहले ही चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि कोरोना के खिलाफ काम आने वाली वस्तुओं को भारत में तेजी से भेजा जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे लेटर में वांग ने कहा कि चीनी पक्ष "भारत के सामने आई चुनौतियों को लेकर ईमानदारी से सहानुभूति व्यक्त करता है।'' भारत में चीन के राजदूत सुन वेइदोंग ने इस पत्र को ट्विटर पर साझा किया है। इसमें लिखा है कि, कोरोना वायरस मानवता का साझा दुश्मन है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट और साथ मिलकर इसका मुकाबला करने की जरूरत है। चीनी पक्ष भारत सरकार और वहां के लोगों का महामारी से लड़ाई में समर्थन करता है।
चीन एक तरफ तो ऐसे चपुड़ी-चुपड़ी बाते कर सहानुभूती जता रहा है लेकिन वहीं, दोनों देशों की सीमा पर पिछले एक साल से तनाव कायम है। पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों की वापसी के बावजूद पूर्व लद्दाख के कई इलाकों में सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति नहीं बनी है। चीन की हमेशा से चाल रही है कि सामने से कुछ और लेकिन पीठ पीछे मौके मिलते ही छूरा घोंप दो।