अप्रैल 2020 से लद्दाख में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच तनाव जारी है। भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करता हैं। चीन अरुणाचल के कई हिस्सों पर अपना दावा करता रहा है। इस कड़ी में वो हर सीमा पार कर रहा है। इस बार चीनी सेना पीएलए ने एक भारतीय युवक को बंदी बना लिया है। घटना 18 जनवरी 2022 की बताई जा रही है। ये युवक अरुणाचल प्रदेश के रहने वाला बताया जा रहा है। इसकी जानकारी अरुणाचल प्रदेश के लोकसभा सांसद तपीर गाओ ने दी।
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Chinese #PLA has abducted Sh Miram Taron, 17 years of Zido vill. yesterday 18th Jan 2022 from inside Indian territory, Lungta Jor area (China built 3-4 kms road inside India in 2018) under Siyungla area (Bishing village) of Upper Siang dist, Arunachal Pradesh. pic.twitter.com/ecKzGfgjB7— Tapir Gao (@TapirGao) January 19, 2022
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लोकसभा सांसद ने दावा किया है कि जिदो गांव के रहने वाले 17 साल के मिराम टैरोन का अपहरण कर चीनी सैनिकों ने उसे बंदी बना लिया। अब इस मामले में सांसद ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। जानकारी के मुताबिक, 18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले में सियुंगला क्षेत्र में भारतीय सीमा के अंदर से युवक को चीनी सैनिक उठाकर ले गए हैं। वही युवक का दोस्त पीएलए के चंगुल से भाग निकला और अधिकारियों को इसकी सूचना दी। तपीर गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से अनुरोध किया है कि युवक की जल्द रिहाई के लिए जल्द कदम उठाएं जाए।
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आपको बता दें कि लुंगटा जोर वहीं भारतीय क्षेत्र है जहां चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर लिया था। चीनी सैनिकों द्वारा अगवा किया गया युवक और उसका दोस्त दोनों स्थानीय शिकारी हैं और जिदो गांव के रहने वाले हैं। गाओ ने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सेना को टैग किया है। गाओ ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक को घटना से अवगत करा दिया है और उनसे इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। आपको बता दें कि सितंबर 2020 में भी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था।