अफगास्तिान में ज्यादातर हिस्से में तालिबान पर कब्जा हो गया हैं। ऐसे में चीन अपने फायदे के लिए तालिबान को खुलेआम सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं ज्यादातर देश तालिबानियों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। तालिबान की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए बैंक अकाउंट तक सीज कर दिए गए हैं। लेकिन चीन तालिबानियों का मसीहा बन उनकी वित्तीय मदद कर रहा हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीन तालिबानियों को आर्थिक मदद कर उन्हें बढ़ावा दे रहा हैं। दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि वो युद्धग्रस्त देश की मदद करने में सकारात्मक भूमिका निभाएगा।
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इस दौरान चीन ने अमेरिका पर हमला बोलते हुए कहा कि अमेरिका अफगान संकट के लिए 'मुख्य गुनहगार' है। अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए कुछ किए बिना ऐसे हाल में छोड़कर नहीं जा सकता। तालिबानियों के वित्तीय मदद के सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मैं स्पष्ट तौर पर कहना चाहता हूं कि अफगान मुद्दे के लिए अमेरिका मुख्य गुनहगार। वो बिना कुछ किए देश को गड़बड़ी में धकेलकर इस तरह नहीं जा सकता। हमें उम्मीद हैं कि अमेरिका मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण के अपने वचन को निभाएगा और प्रतिबद्धताओं से मुंह नहीं मोड़ेगा।
आपको बता दें कि कई देशों ने तालिबानियों की मदद करने से साफ इंकार कर दिया हैं। अमेरिका ने अफगान सेंट्रल बैंक से जुड़े अरबों डॉलर रकम रोक ली हैं। जर्मनी ने भी तालिबान के सत्ता पर काबिज होने और शरिया कानून लागू किए जाने पर वित्तीय मदद करने से मना कर दिया। वहीं यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि जब तक अधिकारी हालात के बारे में स्पष्टीकरण नहीं देंगे अफगानिस्तान को भुगतान नहीं होगा। इस पर वेनबिन ने कहा कि चीन हमेशा सभी अफगान लोगों के प्रति मैत्रीपूर्ण नीति अपनाता रहा है और अफगानिस्तान को सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान करता रहा है।