अमेरिका ने अफगानिस्तान में आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K) से बदला लेना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन के शब्द हम दुश्मनों को चुन-चुन कर मारेंगे अभियान को अमेरिकी फोर्सेस ने अंजाम देना शुरू कर दिया है। काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट से आक्रोषित और क्षुब्ध अमेरिकी फोर्सेस ने पाकिस्तान सीमा पर शरण लिए आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K)के आतंकियों पर बड़ा और घातक हमला किया है। ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिका ने यह हमला ड्रोन से किया है। इस ड्रोन हमले में आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K)के कई आतंकी मारे गए हैं।
काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट, अमेरिकी कमाण्डोज सहित सैकड़ों निर्दोष मारे गए
अमेरिकी सोर्सेस ने साफ किया है कि हमले में केवल आतंकी ही मारे गए हैं इस हमले में निर्दोष नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी नेवी कैप्टन और इस हमले की अधिकृत जानकारी देने वाले अमेरिकी प्रवक्ता विलियम अर्बन ने कहा है कि हमने दुश्मन को मार गिराया है। दुश्मनों को सजा देने का अधिकार हमारे पास है और हम उस अधिकार का उपयोग कर रहे हैं। इस हमले के बारे में तालीबान या पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह भी रहस्य बना हुआ है कि ड्रोन अटैक के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान के ही किसी बेस का इस्तेमाल किया या किसी गुप्त स्थान से उड़ान भरकर आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K) के ठिकानों को ध्वस्त किया गया।
अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि अमेरिका ने यह हमला तालीबान या पाकिस्तान को विश्वास में लेकर की है या फिर ठीक उसी तरह से की है जैसे मुल्ला उमर को मारने के लिए ड्रोन हमला किया था। तालीबान का सरगना मुल्ला उमर को भी अमेरिकी फोर्सेस ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर मार गिराया था। अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K)के आतंकियों पर किया गया हमला अफगानिस्तान सीमा के भीतर किया गया है लेकिन ये इलाका पाकिस्तान से सटा हुआ है।
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आतंकी आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K)के हों या फिर तालीबान के सबको पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिलती है। अमेरिका के पास ऐसे सबूत भी हैं जिनसे यह साबित होता है कि तालीबान और आईएसआईएस – खुरासान (ISIS-K)के आतंकियों को आईएसआई की सरपरस्ती में पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी जाती है।