जापान के टोक्यो में इस साल हुए ओलंपिक और पैरालंपिक गेम्स में भारत ने शानदर प्रदर्शन किया। टीम को ओलंपिक में एक गोल्ड समेत सात मेडल्स मिले, वही पैरालंपिक में 19 मेडल हासिल किए। जिसमें 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज शामिल है। बात करें अगर खिलाड़ियों की तो, टोक्यो ओलंपिक गेम्स में करीब 11 हजार एथलीट्स ने हिस्सा लिया, जबकि पैरालंपिक में 4 हजार एथलीट्स पहुंचे।
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न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के अनुमान के मुताबिक, इस बार टिकटों की बिक्री न होने की वजह से आयोजनकर्ताओं को खासा नुकसान भी हुआ है। हालांकि, इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने टेलीविजन और सैटेलाइट राइट्स बेचकर करीब 3 से 4 अरब डॉलर की कमाई की है। अगर अमेरिकी ब्रॉडकास्टर्स की बात करें तो 2021 से लेकर 2032 तक होने वाले गेम्स के लिए एनबीसी नेटवर्क ने 7.65 अरब डॉलर (करीब 56 हजार 201 करोड़ रुपए) चुकाए हैं यानी सालाना के 14 करोड़ रुपए से भी ज्यादा।
वहीं, भारत में सिर्फ 2020 के ओलंपिक ब्रॉडकास्ट के लिए सोनी नेटवर्क को 1.2 करोड़ डॉलर्स (करीब 88 करोड़ रुपए) चुकाने पड़े। हालांकि, 2016 में स्टार स्पोर्ट्स ने रियो ओलंपिक के अधिकारों के लिए 2 करोड़ डॉलर (तब करीब 120 करोड़ रुपए) चुकाए थे। आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत करने वाले पियरे बैरन डी कूबर्टिन पर अंग्रेजी स्कूलों का काफी प्रभाव था। ओलंपिक को सिर्फ अनुभवहीन या अव्यवसायी खिलाड़ियों के लिए ही खोला गया था। लेकिन 1990 के बाद ओलंपिक गेम्स में प्रोफेशनल खिलाड़ियों को भी मौके दिए जाने लगे।