आंध्र प्रदेश सरकार ने ‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम’ के लिए 81 सदस्यीय जंबो बोर्ड का गठन किया है। तिरुपति बालाजी का मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। मंदिर के पास 9000 किलो सोना, 12000 करोड़ रुपये की एफडी है। दरअसल, अपना देश कई मायनों में निराला है। देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी विशिष्टता के लिए विश्वभर में जाने जाते हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है आंध्र प्रदेश में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर। बालाजी यानी भगवान वेंकटेश्वर का यह मंदिर है, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
जंबो बोर्ड पीएम मोदी के कैबिनेट से भी बड़ा है। इस बोर्ड में 81 सदस्य शामिल हैं। मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से भी बड़ा। पीएम मोदी समेत केंद्रीय कैबिनेट में 78 सदस्य हैं। लेकिन इस जंबो बोर्ड में एक अध्यक्ष, 4 पदेन सदस्य और 24 नियमित सदस्यों के अलावा 52 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पास 9,000 किलो के करीब शुद्ध सोना जमा है। दान में मिला करीब 7,235 किलो सोना देश के दो बैंकों में जमा है, जबकि करीब 1,934 किलो सोना मंदिर के खजाने में रखा है। बैंकों में रखे सोने से मंदिर को ब्याज में करीब 100 किलो से ज्यादा सोना हर साल मिल जाता है।
बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर के 12,000 करोड़ से ज्यादा रुपये अलग-अलग बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मंदिर में हर दिन 50 हजार से एक लाख श्रद्धालु आते हैं, जबकि सालाना ब्रह्मोत्सवम और त्योहारों पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर रोजाना 4-5 लाख हो जाती है। ये सारी धन राशी भक्तों के द्वारा दान दिए गए हैं। अब अपार संपत्ति वाले इस मंदिर का संचालन 81 सदस्यीय जंबो बोर्ड के हाथ में होगा। आंध्र प्रदेश सरकार ने जंबो बोर्ड के गठन को लेकर तीन अलग-अलग आदेश जारी किए हैं।
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