तमिलनाडु के कुन्नूर में आठ दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर हादसे की जांच पूरी हो गई। जिसकी रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी गई है। 8 दिसंबर को तमिलनाडु में कुन्नूर के पास वायुसेना का MI-17V5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई वाली जांच टीम सेविस्तार से जानकारी मांगी थी, कि आखिर किन हालात में ये हादसा हुआ था। इसकी हादसे की जांच टीम ने पूरी कर ली है।
IAF is giving detailed presentation to Defence Minister Rajnath Singh on the CDS chopper crash inquiry report. The tri-services probe report has given its findings on reasons behind the crash & made recommendations for the future chopper operations for flying VIPs: Govt Sources
— ANI (@ANI) January 5, 2022
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मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में खराब मौसम को चॉपर क्रैश की सबसे बड़ी वजह माना गया है। जांच टीम के मुताबिक एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर के पायलट उस दिन विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान थे और क्रैश से ठीक 8 मिनट पहले उन्होंने कहा था कि वह हेलिकॉप्टर को लैंड करा रहे हैं। वह हेलिकॉप्टर को काफी नीचे उड़ा रहे थे। जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर उस दिन हेलिकॉप्टर के चारों ओर बादलों की मोटी परत थी और इससे दृश्यता कम हो गई थी। विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान रेलवे लाइन को फॉलो करते हुए हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे थे। आखिरी कम्युनिकेशन क्रैश से 8 मिनट पहले रिकॉर्ड किया गया था।
#WATCH | Final moments of Mi-17 chopper carrying CDS Bipin Rawat and 13 others before it crashed near Coonoor, Tamil Nadu yesterday
(Video Source: Locals present near accident spot) pic.twitter.com/jzdf0lGU5L
— ANI (@ANI) December 9, 2021
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जांच रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी या नुकसान की आशंका सिरे से खारिज कर दी गई है। गौरतलब है कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे। इस हादसे की जांच करते हुए टीम ने वायुसेना और थलसेना के संबंधित अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किए। साथ ही उन स्थानीयों लोगों से भी बातचीत की, जो इस दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी थे। इसके अलावा उस मोबाइल फोन की जांच भी की गई, जिससे क्रैश से तुरंत पहले का वीडियो शूट किया गया था।