अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। इस खबर के बाद ऐसा लगता है कि जहां एक ओर विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है तो वहीं, अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी पीएम मोदी के खिलाफ हो गई है। क्योंकि, यहां के एक पीएचडी स्कॉलर को पीएम मोदी की तारीफ करना भारी पड़ गया है और डिग्री वापस मांग ली गई है।
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दानिश रहीम नाम के छात्र का आरोप है कि उसे एएमयू से जो डिग्री दी गई थी वह वापस मांगी जा रही है। उसने पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है। दानिश ने कहा कि उन्हे पीएचडी की डिग्री 9 मार्च 2021 को अवॉर्ड हुई। उसकी साथी मारिया नईम को नवंबर 2020 में पीएचडी अवॉर्ड हो गई थी। पीएचडी मिलने के छह महीने गुजर जाने के बाद 4 अगस्त 2021 को पत्र मिला कि जो डिग्री हम दोनों को दी गई है वह गलत है।
दानिश ने कहा कि वह परेशान है, बाद में उन्हें याद आय़ा कि 22 दिसंबर 2020 को उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि, देश के पीएम ने एएमयू को एक कार्यक्रम में संबोधित किया था, मैंने उनकी तारीफ की थी। मीडिया में मेरा इंटरव्यू भी चला था। डॉ. दानिश ने कहा कि, पीएम की तारीफ करने के बाद से ही मेरे साथ एएमयू में लगत व्यवहार शुरू हो गया था। 8 फरवरी को मेरा वायवा था। दो-तीन दिन पहले मुझे चेयरमैन ने बुलाया था। उन्होंने कहा कि, तुम एक छात्र हो। तुम्हे किसी भी राजनीति पार्टी के बारे में इस तरह से खुलकर नहीं बोलना चाहिए था। तुम ऐसे बोल रहे थे जैसे राइट विंग के आदमी हो।
दानिश ने कहा कि, उन्होंने चेयरमैन की बात का कोई जवाब नहीं दिया। बाद में उन्हें डिग्री मिली लेकिन अब कहा जा रहा है कि वह गलत है। एएमयू के लेटर का जवाब दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यूपी के सीएम और पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि एएमयू जिंदगी से खिलवाड़ न करें। एएमयू में जो साजिश कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
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इधर AMU के प्रवक्ता सैफी किडवे ने आरोप को खारीज करते हुए पूरी तहर निराधार बताया है। छात्र ने भाषा विज्ञान विभाग के एलएएम पाठ्यक्रम में एमए और पीएचडी किया, जो भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री भी प्रदान करता है। चूंकि उन्होंने एलएएम में एमए किया है, इसलिए उन्हें एलएएम में पीएचडी की डिग्री मिलनी चाहिए। गलती से छात्र को भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री दे दी गई इसलिए डिग्री बदलने को कहा गया है।