चीन दुनिया को वो देश है जिससे लगभग हर कोई परेशान है, ड्रैगन अपनी हरकतों से अपने आपस-पास के नाकों में दम कर रखा है। और उसका सदाबहार दोस्त आतंकिस्तान यानी पाकिस्तान को आतंकियों से समय नहीं मिलता। पाकिस्तान के पास इस वक्त खाने के लाले पड़े हैं लेकिन आतंकी गतिवीधियों में वो कोई कसर नहीं छोड़ता। लेकिन अब भारत ने इन दोनों देशों के रातों की नींद उड़ा है। भारत ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है जो 100 किलोमीटर दूर से दुश्मनों पर बम और मिसाइलें बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ता।
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अब भारत में ही हथियारों से लैस ड्रोन तैयार किए जाएंगे। इसलिए रोडमैप तैयार किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इसे तीनों सेनाओं के लिए बनाएगा, जिसके बाद तीनों सेनाओं की ताकत में इजाफा होगा। हालांकि, इस वक्त जरूरतों के लिए भारत फिलहाल 30 सशस्त्र ड्रोन अमेरिका से खरीदने जा रहा है।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, अगले दस सालों के भीतर देश में सशस्त्र ड्रोन तैयार कर लिए जाएंगे। डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाएं इस पर काम शुरू कर चुकी हैं। इसके तहत डीआरडीओ अपने मौजूद मानवविहीन विमानों को खासकर रुस्तम जी-2 को सशस्त्र ड्रोन के रूप में परिवर्तित करेगा। इसके अलावा नये ड्रोन प्लेटफॉर्म भी विकसित जाएंगे। ये ड्रोन दुश्मन पर बम और मिसाइलों से हमले करने में सक्षम होंगे। सशस्त्र ड्रोन को 100 किमी या इससे अधिक दूरी तक हमला करने में सक्षम बनाय जाएगा। खबरों की माने तों, इस वक्त जो जरूरत है उसके अनुसार भारत अमेरिका से 30 सशस्त्र प्रीडेटार ड्रोन खरीदेगा जिनमें से 10-10 प्रत्येक सैन्य बलों को दिए जाएंगी। इनकी कीमत तीन अरब डॉलर के करीब होने का अनुमान है।
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बता दें कि, इन दिनों ड्रोन के साथ-साथ सशस्त्र ड्रोन का महत्व काफी तेजी से बढ़ा है, ऐसे में पहले निगरानी एवं जासूसी के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्रोन अब हमला करने के लिए भी प्रयुक्त हो रहे हैं। ऐसे में भारत भी अपनी सैन्य ताकत में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इसलिए भारत भी हथियारों से लौस ड्रोन पर खास नजर रख रहा है। वहीं, भारत में ही विकसित रूस्तम जी अभी भी हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसके साथ ही भारत के पास ड्रोन में इस्तेमाल होने वाली तमाम तकनीक मौजूद हैं। और वो समय ज्यादा दूर नहीं है जब देश में सशस्त्र ड्रोन का निर्माण तेजी से शुरू हो जाएगा।