भारत के महान ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। हरभजन सिंह ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर के जरिए अपने संन्यास का ऐलान किया। इसके साथ ही उनके 23 साल के करियर का समापन हुआ। लेकिन भज्जी के संन्यास की टाइमिंग ने उनकी अगली पारी को लेकर अटकलों को तेज कर दिया है। बीते काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे कि हरभजन अब राजनीति की पिच पर फिरकी फेंकने की तैयारी में हैं।
हरभजन सिंह ने संन्यास की घोषणा ऐसे समय पर की है, जब कुछ ही महीने के बाद उनके गृहराज्य पंजाब में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और 9 दिन पहले ही उनकी मुलाकात पंजाब में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ हुई थी। बात सिर्फ इतनी होती तो अटकलों को इतना बल नहीं मिलता, लेकिन मुलाकात के बाद सिद्धू ने ट्विटर पर तस्वीर साझा करते हुए जो लिखा, उससे यह काफी हद तक साफ हो गया है कि टर्बनेटर टीम इंडिया की जर्सी उतारने के बाद जल्द ही राजनीतिक चोला पहन सकते हैं।
वहीं सूत्रों का भी कुछ ऐसा ही कहना है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस, जालंधर के किसी विधानसभा क्षेत्र से हरभजन सिंह को चुनाव मैदान में उतारना चाहती है। ऐसे में हरभजन सिंह के साथ बातचीत जारी है। हालांकि अभी फाइनल अप्रूवल नहीं हुआ है। हालांकि इससे पहले हरभजन के बीजेपी में जाने की चर्चा भी हो चुकी है, लेकिन हरभजन ने खुद इन चर्चाओं को फेक कहकर विराम दे दिया था।
367 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 711 विकेट चटका चुके भज्जी लगभग दो दशक के क्रिकेट करियर में अकेले दम पर दर्जनों मैच जितवा चुके हैं। वह युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। क्रिकेट के मैदान से दूर होने के बाद भी हरभजन सोशल मीडिया और टीवी कार्यक्रमों के जरिए लगातार चर्चा में बने रहते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पंजाब में इस बार कांग्रेस के सामने कड़ी चुनौती है। उसे एक तरफ पार्टी में गुटबाजी से लड़ना है तो दूसरी तरफ अकाली दल के अलावा आम आदमी पार्टी और बीजेपी-पंजाब लोक कांग्रेस का सामना करना है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी को कुछ ऐसे चेहरों की तलाश है जो जिनकी युवाओं के बीच अच्छी पकड़ हो। पार्टी को उम्मीद है कि अक्सर चेहरे पर हंसी रखने वाले हरभजन युवा वोटरों को खींच सकते हैं और कांग्रेस का किला बचाने में मदद कर सकते हैं।
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