तालिबान राज आने के बाद से अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहरा गया है ऐसे में भारत संग दुनिया के कई बड़े देश अफगान नागरिकों की मदद करने के लिए अपने-अपने तरिके से सहायता पहुंचा रहे हैं। अफगान की जमीन पर चीन और पाकिस्तान की बुरी नजर है। जहां पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देना चाहता है तो वहीं, चीन यहां के खजाने पर नजर गढ़ाए हुए बैठा हुआ है। इस बीच भारत लगातार अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अफगानियों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत के इस कदम को देखते हुए अब ईरान ने भारत के साथ काम करने की बात कही है। जो पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
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ईरान ने मानवीय संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान तक गेंहू और दवा जैसी मदद पहुंचाने के लिए भारत का सहयोग करने की बात कही है। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन (Hossein Amir-Abdollahian) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात करते हुए मदद की पेशकश की। दोनों नेताओं के बीच शनिवार को फोन पर बातचीत हुई थी। ये बातचीत ऐसे वक्त पर हुई है, जब भारत अफगानिस्तान में एक बार फिर मानवीय मदद पहुंचाने जा रहा है।
बीते साल अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद लगातार तीसरी बार भारत की तरफ से मानवीय मदद पहुंचाई जा रही है। भारत और ईरान के नेताओं के बीच हुई बातचीत में अफगानिस्तान प्रमुख मुद्दा रहा है। ईरान की तरफ से जानकारी आई है कि, ईरान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और उस देश को भारत की मानवीय सहायता का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में भारत की तरफ से भेजी जा रही गेहूं और दवा की खेप को पहुंचाने में ईरान पूरी तरह सहयोग करेगा।
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बताते चलें कि, इससे पहले बीते हफ्ते ही भारत ने अफगानिस्तान को मानवी मदद के तौर पर गेहूं से लेकर दवा तक, दो खेफ भेजी थी। पहली खेफ 1 जनवरी को भेजी गई और दूसरी 7 जनवरी को भेजी गई। इसके साथ ही भारत ने नवंबर 2021 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के माध्यम से अफगानिस्तान को 1.6 टन चिकित्सा सहायता पहुंचाई थी।