अगर आप अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच रहे है तो इसमें अब आपकी मदद मोदी सरकार करेगी। आज हम आपको एक ऐसे बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें बहुत कम निवेश कर आप जबरदस्त मुनाफा कमा सकते हैं। ये बिजनेस है 'कड़कनाथ मुर्गों' का। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही देश के कई राज्यों में इसका जम कर कारोबार हो रहा है। कड़कनाथ मुर्गा दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। इसे आदिवासी इलाके कालीमासी कहा जाता है। इसका मांस सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। औषधीय गुणों के चलते कड़कनाथ मुर्गे की बहुत मांग रहती है।
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अगर आप भी कड़कनाथ मुर्गा पालन का बिजनेस करना चाहते हैं तो कृषि विज्ञान केंद्र से चूजे ले सकते हैं। कुछ किसान 15 दिन का चूजा ले जाते हैं, जबकि कुछ लोग एक दिन का चूजा ले जाते हैं। कड़कनाथ का चूजा साढ़े तीन से चार माह के अंदर बिक्री के लिए तैयार हो जाता है। आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का रेट 70-100 रुपये के बीच है। इसके एक अंडे का रेट 20-30 रुपये तक होता है। बाजार में एक कड़कनाथ मुर्गे की कीमत लगभग 3,000-4,000 रुपये होती है। इसका मांस 700-1000 रुपये प्रति किलो बिकता है। सर्दियों में मांस की खपत बढ़ने पर कड़कनाथ मुर्गे के मांस की कीमत 1000-1200 रुपये किलो तक पहुंच जाती है।
अब अगर मुनाफे के हिसाब पर नजर डालें तो मान लीजिए आपने सरकार से 1000 चूजे 53000 रुपये में खरीदे। एक मुर्गे में औसतन 3 किग्रा मांस निकला तो सर्दियों के एक मौसम में आप 35 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें आपको 6 महीने तक के उनके दाने और शेड बनाने पर भी कोई खर्चा नहीं करना है. यानी कम मेहनत और कम निवेश में जबरदस्त मुनाफा मिलेगा। आप इससे होने वाली कमाई का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र समय पर कड़कनाथ मुर्गे के चूजे उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई है इसलिए मध्य प्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग भी मिला हुआ है। इस टैग का मतलब है कि कड़कनाथ मुर्गे जैसा कोई दूसरा मुर्गा नहीं है। आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे और मुर्गी का रंग काला, मांस काला और खून भी काला होता है। इस मुर्गे के मांस में आयरन और प्रोटीन सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसके मांस में वसा और कोलेस्ट्रॉल भी कम पाया जाता है। इसके रेगुलर सेवन से शरीर को काफी पोषक तत्व मिलते हैं। छत्तीसगढ़ में सिर्फ 53,000 रुपये जमा करने पर सरकार की ओर से तीन किस्तों में 1000 चूजे, 30 मुर्गियों के शेड और छह महीने तक मुफ्त दाना दिया जाता है। वहीं, टीकाकरण और स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी भी सरकार ही उठाती है।