भारत के पड़ोसी देश म्यांमार को अपनी ओर खींचने के लिए चीन और पाकिस्तान मिलकर नया प्लान बना रहे है। इस नए प्लान के तहत पाकिस्तान सैन्य हथियार म्यांमार को देगा। दरअसल, पाकिस्तान और म्यांमार के बीच सैन्य हथियार के खरीद की डील हुई है। इसके लिए जल्दी ही म्यांमार का डेलिगेशन पाकिस्तान का दौरा करेगा। म्यांमार की सेना पाकिस्तान से 60 और 81 एमएम मोर्टार, M-79 ग्रेनेड लॉन्चर और मशीन गन खरीदने की तैयारी में है। इससे पहले एक सीनियर लेवल का डेलिगेशन म्यांमार से पाकिस्तान जाएगा, जो शिपमेंट से पहले हथियारों का निरीक्षण करेगा।
यह भी पढ़ें- यूक्रेन पर रूस कभी भी कर सकता है आक्रमण! राष्ट्रपति बाइडेन ने वापस बुलाए अपने नागरिक
जानकारों का कहना है कि चीन के दखल से पाकिस्तान को म्यांमार से यह बड़ी डील करने में मदद मिली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान से म्यांमार हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों को खरीदने पर भी विचार कर रहा है। ये मिसाइलें जेएफ-17 फाइटर एयरक्राफ्ट्स के लिए खरीदना चाहता है। दरअसल चीन की ओर से बैन के चलते म्यांमार सीधे ड्रैगन से इनकी खरीद नहीं कर सकता है। म्यांमार ऐसा पहला देश था, जिसने जेएफ-17 फाइटर एयरक्राफ्ट्स का आयात किया था। इन लाइट वेट मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट्स को पाकिस्तान और चीन की कंपनी चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन ऑफ चाइना ने तैयार किया है।
यह भी पढ़ें- Allu Arjun का 'पुष्पा' मेकअप ने किया फैंस को हैरान, लुक पाने के लिए लगते थे 4 घंटे
म्यांमार में तख्तापलट के बाद आए सैन्य शासन से पाकिस्तान लगातार अपनी करीबी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। दरअसल इसके पीछे चीन भी एक वजह है, जो अपने हथियारों का बड़े पैमाने पर निर्माण पाकिस्तान में भी कर रहा है। खासतौर पर मेंटनेंस और ओवरहॉलिंग का काम पाकिस्तान में हो रहा है। ऐसे में वह अपनी डिफेंस सेल भी पाकिस्तान के जरिए ही म्यांमार में करने की कोशिश में है। पाकिस्तान के साथ डिफेंस डील को आगे बढ़ाने में म्यांमार के पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल ने विन के पोते आये ने विन का हाथ है। इस डिफेंस डील पर पिछले साल से ही काम चल रहा था। बता दें कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारियों ने बीते साल सितंबर में म्यांमार का दौरा किया था।