पाकिस्तान की तरह चीन को भी इंडिया ने सबक सिखा दिया है। इंडिया ने सुरक्षा एजेंसियों की जासूसी कर रही 54 से ज्यादा चाईनीज एजेंसीज को एक ही झटके में साफ कर दिया है। इसका मतलब यह कि चाईनीज अब भारत में किसी भी प्लेटफॉर्म पर नहीं खुलेंगी।
दुनिया के कई देश इस वक्त चीन की हरकतों से परेशान है। चीन लगातार कई देशों की सिमाओं में घुसकर उनके जमीनों को हड़पने की कोशिश कर रहा है और करता आया है। यहां तक की नेपाल तक के पीठ में ड्रैगन ने चाकू घोंपते हुए उसकी जमीनों पर कब्जा कर रहा है। इसके साथ ही ताइवान को लेकर ड्रैगन का कहना है कि वह जल्द ही इस देश पर कब्जा कर लेगा। इन सबके अलावा साउथ चीन सागर में भी चीन की दादागिरी से कई देश परेशान हैं। इधर भारत में भी चीन गलावन वैली में भारत की सीमा पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन इसमें नाकामयाब रहा। यहां तक कि भारतीय सैनिकों के आगे चीनी सेना ने घुटने टेक दिए थे जो चीन को हजम नहीं हो रहा। अब केंद्र सरकार ने चीन पर एक सर्जिकल स्ट्राइक किया है जिससे ड्रैगन बौखला उठा है।
दरअसल, भारत सरकार ने एक बार फिर से देश में 54चीनी ऐप्स पर बैन (Chinese apps ban in India) लगा दिया है। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने एक न्यूज़ पोर्टल को जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने 54से अधिक चीनी ऐप्स को भारतीयों की प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए प्रतिबंध लगाने के नए आदेश दिए हैं। इनमें से कई ऐप टेंसेंट, अलीबाबा और गेमिंग कंपनी नेटइज जैसी बड़ी चीनी टेक्नोलॉजी कंपनियों के हैं। 2020में भारत द्वारा लगाए गए बैन के बाद इन ऐप्स को रीब्रांड कर भारत में लॉन्च किया गया था।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने .ह कहते हुए इन ऐप्स पर बैन लगाया है कि ये ऐप चीन जैसे विदेशी मुल्कों में भारतीय यूजर्स का संवेदनशील डेटा ट्रांसफर कर रहे थे। मंत्रालय ने इन ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए गूगल के प्लेस्टोर सहित शीर्ष ऐप स्टोर को निर्देश भी दिया है। इससे पहले गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए चीनी कंपनियों के ऐप्स पर बैन लगा दिया था। जून 2020 में चीनी ऐप्स पर बैन लगाने के बाद अब तक 22 ऐप्स भारत में बैन किए जा चुके हैं।
पहले दौर में भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगाया, जिसमें टिकटॉक, शेयरिट, वीचैट, हेलो, लाइक, यूसी न्यूज, बिगो लाइव, यूसी ब्राउजर, ईएस फाइल एक्सप्लोरर, और एमआई कम्युनिटी जैसे लोकप्रिय एप्लिकेशन शामिल थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि, बैन किए गए ऐप्स में कई ऐप्स टेंनसेंट और अलीबाबा जैसी कंपनियों के हैं। इन ऐप्स ने अपनी ओनरशिप को छिपाया भी है। उन्हें हांगकांग या सिंगापुर जैसे देशों से भी होस्ट किया जा रहा है, लेकिन डेटा अंततः चीन में सर्वर पर दा रहा था।