चीन और भारत के रिश्ते के धागे कमजोर होते जा रहे है। एक तरफ चीन जहां भारत से चाइनीज ऐप्स को बैन किए जाने के फैसले से गुस्सा है, तो वहीं भारत लद्दाख सीमा पर चीन द्वारा की जा रही हरकतों से परेशान है। इन सबका असर अब चीन और भारत के रिश्तों पर पड़ता नजर आ रहा है। इस कड़ी में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी में हो रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा है कि चीन संग भारत के रिश्ते बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। चीन लगातार सीमा नियमों का उल्लंघन कर रहा है, जिस वजह से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
आपको बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हो गया था और दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे अपने सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ा दी थी। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में एक हिंसक झड़प के बाद तनाव बढ़ गया था। सम्मेलन में जयशंकर ने कहा है कि चीन संग हमारी एक समस्या है। पिछले 45 साल तक शांति का माहौल रहा था। 1975 से कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ था। ये बदलाव इसलिए देखने को मिला था क्योंकि हमारा चीन संग समझौता था।
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उन्होंने आगे कि समझौता ये था कि एलएसी पर सैन्य बलों की तैनाती नहीं की जाएगी, लेकिन चीन अब लगातार उन समझौतों का उल्लंघन कर रहा है। ऐसे में अब बॉर्डर पर कैसी स्थिति रहती है, इसी पर हमारे रिश्ते भी निर्भर रहने वाले हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए जयशंकर ने कहा कि ये तो स्वाभाविक है कि अभी चीन संग भारत के रिश्ते बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। लेकिन इसी दौर में हमारे पश्चिमी देशों से संबंध काफी मजबूत हुए हैं। वैसे कुछ दिन पहले चीन ने भी भारत संग तनाव का जिक्र किया था, लेकिन उसने ये कहा था कि दोनों देशों को सीमा समझौतों का सख्ती से पालन करना चाहिए। उसकी तरफ ये बयान तब आया था जब एस जयशंकर ने चीन पर नियम तोड़ने का आरोप लगाया।