राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके हनुमान जयंती के मौके पर शाम को निकली शोभायात्रा में पथराव के बाद हिंसा भड़क गई जिसमें पुलिसवालों के साथ ही कई लोग घायल हो गए। इस मामले का सरगना आरोपी अंसार इतना बेशर्म है कि जब कोर्ट में उसकी पेशी के लिए ले जाया जा रहा था तब वो फिल्मी अंदाज में एक्शन करते हुए इशारा किया कि, 'मैं झुकेगा नहीं'। अंसार को लेकर नए-नए खुलासे होने शुरू हो गए हैं। इसकी हिस्ट्री देखी जाए तो इसके खिलाफ कई सारे अपाधिक मामले हैं। वह मारपीट के दो केस में पहले भी जेल जा चुका है। साथ ही गैम्बलिंग पेक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत भी उसके खिलाफ पांच बार मुकदमा हो चुका है।
इस जांच में अब तक 20 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसमें दो नाबालिक भी पकड़े गए हैं। रविवार को गृह मंत्रालय ने इलाके में शांति कायम करने के लिए सीआरपीएफ और आरएएफ की पांच कंपनियां और भेजीं। दिल्ली पुलिस ने इलाके की अमन समितियों के साथ बैठक करके दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने को कहा। आरोप है कि मुख्य आरोपी अंसार और उसके साथियों ने धार्मिक जुलूस निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी तो पथराव हो गया। उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। हालात बिगड़ने पर पुलिस को 40 से 50 आंसू गैस के गोले चलाकर भीड़ को खदेड़ना पड़ा। करीब एक घंटे के बीच भीड़ ने जमकर हिंसा की। इसमें 8 पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है। दिल्ली के जहांगीरपुरी में हिंसा से जुड़ा ताजा अपडेट आगे देखिए।
इस वक्त दिल्ल पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस पर तमंचे से फायरिंग करने वाला आरोपी सोनू शेख गिरफ्तार कर लिया गया है। 17 अप्रैल को सोशल मीडिया पर इस हमले की एक वीडियो वायरल हुई जिसमें नीला कुर्ता पहने शख्स फायरिंग कर रहा था इसी का नाम सोनू शेख के रूप में हुई जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। ये भी जहांगीर पुरी सी ब्लॉक का रहने वाला है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि करीब सवा 6 बजे जुलूस का पिछला हिस्से में लोग शामिल थे। पुलिस का बंदोबस्त जुलूस के साथ था। पथराव में 9 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 8 पुलिसकर्मी हैं। ये साबित करता है कि पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया और उन्हें दूर किया। जिसके कारण लोग घायल नहीं हुए है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 8 लोग पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हो चुके हैं। सीसीटीवी और दूसरे सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। तीन हथियार मिले हैं। ये केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है। FSL की टीम घटनास्थल का दौरा कर सबूत एकत्र कर रही है।
कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल आरोपियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। क्राइम ब्रांच ने 14 टीमें बनाई हैं। कल से ये सभी टीमें एक्टिव हो गई है। सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि वातावरण को बिगाड़ा जाए। हमारे यहां सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। अगर जरूरत पड़ी तो जो लोग गलत सूचना दे रहे हैं, तो उनके खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जनता से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना से सवाल पूछा गया कि, ऐसा भी कहा जा रहा कि यह पूरा विवाद एक मस्जिद में झंडे लगाने से शुरू हुआ। जिसपर उन्होंने कहा कि, इस बात में तथ्य नहीं है। झगड़ा छोटी सी बात से शुरू हुआ था। जो बाद में हिंसा में बदल गया। जो लोग यह कह रहे हैं कि झंडा लगाने की कोशिश की थी, तो यह बात सही नहीं है।
दंगा भड़काने वाले शख्स का नाम पुछे जाने पर राकेश अस्थाना ने कहा कि, अभी जांच की जा रही है। वीडियो फुटेज के जरिए पुलिस दोषियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगी। हिंसा में बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, पुलिस हर ऐंगल से इसकी जांच कर रही है। वहीं, 48 घंटे के भीतर एक बार फिर से जहांगीरपुरी में पथराव हुआ इसपर उन्होंने कहा कि, जी हां, आज दिल्ली पुलिस की टीम वहां सोनू चिकना नाम के आरोपी को पकड़ने गई थी। एक महिला से टीम बात कर रही थी कि अचानक ईंट-पत्थर चलने लगे। फिलहाल हालात नियंत्रण में है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
जिस कुशल सिनेमा रोड पर हिंसा हुई थी, उस पर और उसके आस-पास सी ब्लॉक मेन रोड, धोबी घाट रोड और मंगल बाजार रोड पर भी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान तैनात कर दिए गए हैं। पुलिस ने बताया, हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार हुआ है। वह घोषित बदमाश है।’ आरोपियों की पहचान सलीम उर्फ चिकना (36), जाहिद (20), अंसार (35), शाहजाद (33), मुख्तार अली (28), मो. अली (18), आमिर (19), अक्सर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (21), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मो. अली (27), अहीर (37), शेख सौरभ (42), सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43) और सुजीत सरकार (38) के रूप में हुई। सभी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं।
आरोपियों के खिलाफ धारा 147 (दंगा करने की सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी), 186 (जनता के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल), 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए दंड), 427 (शरारत से नुकसान पहुंचाना) पचास रुपये की राशि), 436 (आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा घर, आदि को नष्ट करने के इरादे से शरारत), 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अंसार है कौन, जानिए कच्चा चिट्ठा
दिल्ली की एक अदालत ने अंसार और हिंसा के एक अन्य आरोपी, 21 साल के असलम को सोमवार तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। पुलिस को असनल के पास से पिस्टल भी बरामद हुई है जो कथित रूप से हिंसा में इस्तेमाल हुई। मामले के अन्य 12 आरोपियों को 14 दिन की जुडिशल कस्टडी में भेजने का आदेश कोर्ट ने दिया। दिल्ली पुलिस की माने तो अंसार को पहले से भी पता था कि शोभा यात्रा कहां से होकर निकलेगी जिसके बाद उसी ने हिंसा की पूरी साजिश रची। पूरी हिंसा का मास्टरमांडइ बताया जाने वाले अंसार की पत्नी का कहना है कि वो बेकसूर है। वहीं, असलम ने बवाल के दौरान गोली चलाई थी। पुलिस के मुताबिक, हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार गिरफ्तार घोषित बदमाश है।
रोहिणी कोर्ट में रिमांड याचिका पर सुनवाई के दौरान पुलिस ने दावा किया कि अंसार और असलम, दोनों को पहले से पता था कि शोभा यात्रा उस तरफ से निकलेगी। पुलिस के अनुसार, इन्होंने ही साजिश रची। आरोप है कि अंसार और उसके साथियों ने धार्मिक जुलूस निकाल रहे लोगों से बहस की। इसके बाद बात बढ़ी तो पथराव हो गया। उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। करीब एक घंटे तक भीड़ ने जमकर हिंसा की। FIR के मुताबिक, शोभा यात्रा शांतिपूर्ण थी मगर जैसे ही वह जहांगीरपुरी के सी ब्लॉक स्थिति एक मस्जिद के पास पहुंची, माहौल बिगड़ गया। यहीं पर अंसार के नेतृत्व में 5-6 लोगों ने उधर से यात्रा निकालने पर झगड़ा शुरू कर दिया। सी ब्लॉक/कुशल चौक का जिक्र 2020 दिल्ली दंगों की चार्जशीट में बार-बार किया गया था। कॉल इंटरसेप्ट्स के आधार पर पुलिस का दावा था कि यहां से बसों में भरकर लोग मौजपुर व अन्य इलाकों में ले जाए गए और CAA-NRC विरोध के नाम पर हिंसा और बवाल किया गया।
अंसरा को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा छिड़ गई है और इसे लेकर कई जानकारियां शेयर की जा रही हैं। हालांकी, इनकी पुष्टि अब तक पुलिस ने नहीं की है। उधर भाजपा का दावा है कि, अंसार की नजदीकियां दिल्ली की आप सरकार (आम आदमी पार्टी) के किसी विधायक से है। सोशल मीडिया पर कई फोटो वायरल हुए हैं जिसमें अंसार मोटी सोने की चेन पहले और गाड़ी के बोनट पर पैर टिकाए हुए नजर आ रहा है। बीजेपी ने इस हिंसा को लेकर सीधे तौर पर AAP को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता का कहना है कि, जिस मोहम्मद अंसार ने भीड़ में फायरिंग की थी, वह आम आदमी पार्टी के एक विधायक का बेहद करीबी है और उनके इशारे पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता रहता है। उन्होंने आप सरकार पर भी दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को मुफ्त बिजली, पानी और राशन देकर दिल्ली की शांति व्यवस्था को भंग करने का आरोप लगाया।