इस भीषण गर्मी में देश के कई राज्यों में पानी की कमी देखने को मिला। लेकिन, राजस्थान में स्थिति इससे भी ज्यादा बुरी है। यहां कुछ ज्यादे ही पानी की समस्या देखने को मिल रहा है। इस किल्लत को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले में पानी की चोरी को रोकने के लिए पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिस को कहा गया है कि, वो पानी की चोरी पर नजर बनाए रहे साथ ही बर्बादी पर भी अपनी पैनी नजर गड़ाए रहे।
दरअसल, पंजाब से जोधपुर तक आने वाली इंदिरा गांधी लिफ्ट कैनाल में चल रहे क्लोजर का दायरा बढ़ने से जोधपुर और उसके नजदीकी इलाकों में भीषण पानी का संकट पैदा हो गया है और जोधपुर शहर के जलाशयों में अब केवल 10 दिन का पानी बचा है। ऐसे हालातों को देखते हुए अब जोधपुर जिला प्रशासन ने शहर के जलाशयों पर पुलिस बल तैनात किया है जो पानी की फिजूल खर्ची और चोरी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेगा। कहा जा रहा है कि, पंजाब के सरहिंद फीडर से जोधपुर तक आने वाली इंदिरा गांधी लिफ्ट कैनाल में पिछले 2 महीने से चल रहे क्लोजर का दायरा बढ़ा दिया गया है जिसके बाद जोधपुर शहर के कायलाना डैम में अब केवल 10 दिन का पानी बचा है।
पानी की कमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर के फिल्टर प्लांट सहित जलाशयों पर पुलिस जाब्ता लगाया है। पानी की जगहों पर एक हेड कांस्टेबल सहित चार कॉन्स्टेबल 24 घंटे के लिए तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही नगर निगम भी शहर में फिजूल पानी खर्च करने वालों पर जुर्माना लगा रहा है। इशके साथ ही इससे निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पानी की बर्बादी मैनेजमेंट को लेकर एक एमरजेंसी रिस्पांस टीम बनाई है। दिसमें 9 आरएएस अधाकिरयों के साथ पुलिस व नगर निगम के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। प्रशासन के मुताबिक इमरजेंसी रिस्पांस टीम शहर के गलियों में घूम कर दरवाजे, गाड़ियां, सड़कें, नालिया जैसे कामों के लिए पानी बर्बाद करने वालों पर जुर्माना लगाएगी। इन सबके अलावा पीएचईडी विभाग ने शहर में 21 सबडिवीजन बनाए हैं जहां 9 आरएएस अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे। जोधपुर शहर के कायलाना झील, तखत सागर झील पर पुलिस के पहरे के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी गली-गली राउंड लगाकर पानी की बर्बादी को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।