TTP Start War Against Pakistan Army: पाकिस्तान और तालिबान में जितनी गहरी दोस्ती थी उतनी ही कट्टर दुश्मनी भी हो गई है। ऐसा होते जा रहा है कि, दोनों एक दूसरे को देखना नहीं चाहते। एक दूसरे के खून के प्यासे हो गये हैं। नये सेना प्रमुख के कमांड संभालते ही तहरीके-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP Start War Against Pakistan Army) ने अनिश्चित कालीन संघर्ष विराम समझौते को निरस्त करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही टीटीपी (TTP Start War Against Pakistan Army) ने अपने लड़ाकों को देशभर में हमले करने का आदेश दिया है। टीटीपी का ये ऐलान ऐसे समय में आया है जब संगठन से बातचीत करने वाले ले. जनरल फैज हमीद ने रिटायरमेंट की घोषणा की है। वो सेना प्रमुख बनने की रेस में शामिल थे। संगठन का कहना है कि, कई इलाकों में मुजाहिद्दीन के खिलाफ सैन्य अङियान चलाया जा रहा है। यह हमें देशभर में हमले करने के लिए बाध्य कर रहा है।
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पाकिस्तान में फिर हमला करेगा टीटीपी
आतंकवादियों की धमकी ने कुछ घंटे पहले कमांड लेने वाले पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के लिए चिंताजनक स्थिति पैदा कर दी है। आतंकवादियों को जन्म देने वाले पाकिस्तान के लिए आज खुद उसके ही आतंकी उसके लिए नासूर बन गये हैं। पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान वर्तमान में पूरी तरह सक्रिय है। साल 2002 में टीटीपी ने आकार लेना शुरू किया था। अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाइयों ने आतंकवादियों को खदेड़ दिया था। बड़ी संख्या में लड़ाके पाकिस्तान भाए आए और कबाइली इलाकों में छिप गए। धीरे-धीरे इन इलाकों में कई विद्रोही गुटों ने जन्म ले लिया।
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टीटीपी कई बार पाकिस्तान को दहला चुका है
पाकिस्तानी सेना इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। जब भी कोई एक्शन लिया जाता स्वात घाटी में सेना का विरोध होने लगता। दिसंबर 2007 में टीटीपी अस्तित्व में आया। 13 गुटों ने एकजुट होकर एक ‘अभियान’ यानी ‘तहरीक’ की शुरुआत की। यह चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान कहलाया। इसे टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है जो अफगान तालिबान से बिल्कुल अलग हैं लेकिन दोनों के इरादे लगभग एक जैसे हैं। पाकिस्तान को टीटीपी कई बार छननी कर चुका है। कई बार उसके सीने में गोली दाग चुका है। टीटीपी ने साल 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को गोली मार दी। वो बुरी तरह घायल हो गई थीं। पाकिस्तान से उन्हें लंदन रेफर कर दिया गया था। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ने ली और कहा कि, मलाला पश्चिमी विचारधारा वाली लड़की हैं। इसके बाद साल 2014 में टीटीपी का वो क्रूर चेहरा नजर आया जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। आतंकवादियों ने इसबार पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल को निशाना बनाया। जहां पर मासूम बच्चे इसकी जद में आये। हमले में 131 बच्चों समेत करीब 150 लोग मारे गये थे। इसके बाद से अब तक टीटीपी पाकिस्तान को कई बार दहला चुका है। लेकिन, पाकिस्तानी सरकार और आर्मी उसके सामने झुकती जा रही है।