भारत के खिलाफ हर समय नापाक चालें चल रहे कंगाल पाकिस्तान (Pakistan) की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेइज्जती हुई है। दरअसल हुआ यूं कि संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ जहरीले बयान देने वाले अमेरिका में तैनात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के राजनयिकों को 4 महीने तक वेतन ही नहीं मिला। इस मामले को जब मीडिया ने उठाया तब जाकर उन्हें सैलरी दी गई। आलम यह है कि जब बिलावल भुट्टो जरदारी अमेरिका (America) की कई यात्रा कर चुके हैं और एक बार फिर वह न्यूयॉर्क पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के पास इतने डॉलर नहीं थे कि वह सैलरी दे पाए।
पाकिस्तान के हालत नाजुक
कंगाली की हालत से गुजर रहा पाकिस्तान (Pakistan) अब वॉशिंगटन में अपनी कई राजनयिक प्रॉपर्टी को बेचने जा रहा है। इनमें से एक तो प्रतिष्ठित आर स्ट्रीट पर है। वहीं पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया है कि न तो किसी पुराने दूतावास और न ही नए दूतावास को बेचा जा रहा है। पाकिस्तानी दूतावास ने डॉन अखबार को बताया कि 1950 के दशक से 2000 के दशक तक इस्तेमाल की गई इमारत को बेचा जा रहा है जो बाजार में स्थित है। पाकिस्तान में राजनयिकों को सैलरी नहीं मिलने पर मचे बवाल के बाद अब पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने इसे जारी कर दिया है।
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बिलावल भुट्टो फिर से अमेरिका की सैर पर
इस पैसे के बिना विदेशों में दूतावासों को सैलरी नहीं मिल पा रही थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पिछले 4 महीने से डॉलर की लगातार कमी के कारण पाकिस्तानी मिशनों को पैसा नहीं मिल पा रहा था। वित्त मंत्रालय इसी वजह से फंड नहीं जारी कर पा रहा था। यूरोप के कई देशों में भी पाकिस्तानी दूतावास कंगाल हो गए थे। जर्मनी में तो पाकिस्तानी दूतावास का रोजमर्रा का कामकाज ही प्रभावित हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ओमान, वियना और बेल्जियम के दूतावास को 4 महीने से सैलरी का पैसा नहीं मिल पाया था। इसके अलावा ईरान, अफगानिस्तान और तुर्की के राजनयिक मिशनों में भी सैलरी में देरी हुई थी। इस बीच पाकिस्तानी दूतावास जहां एक-एक डॉलर के लिए रो रहे हैं।