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ताइवान की धरती से चीन को बेचैन करेगा Biden? बनाया यह खतरनाक गेम प्‍लान

Us करेगा ताइवान की धरती का इस्तेमाल

ताइवान (Taiwan) को लेकर अमेरिका (America) और चीन आमने सामने हैं। एक और चीन का कहना है कि, ताइवान उसका हिस्सा है और उसपर कब्जा करने से उसे कोई रोक नहीं सकता। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका का कहना है कि, अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसका अंजाम बुरा होगा। फिलहाल, चीन-ताइवान के बीच का संघर्ष लगातार जारी है। अब अमेरिका ताइवान की धरती से चीन को घेरने की पूरी तैयारी में जुट गया है। ताइवान को चीन से बचाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास कर रहा है। यूएस का प्लान है कि वह ताइवान में मिलिट्री ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए मौजूदा सैन्य क्षमता में 4 गुना की बढ़ोतरी करेगा।

अमेरिका का चीन के खिलाफ घातक प्लान

वॉशिंगटन रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले महीनों में ताइवान द्वीप को अमेरिका बेहद शक्तिशाली बना देगा ताकि वह चीन की निगाहों से बचने में सक्षम रहे। अमेरिका अपने प्लान के मुताबिक ताइवान द्वीप पर अगले कुछ ही महीनों में 100 से 200 सैनिकों को तैनात करने की योजना बना रहा है, जो एक साल पहले लगभग 30 थे। अमेरिका और ताइवान दोनों ही चीन की सैन्य शक्तियों का मुकाबला करने के लिए एक साथ आ रहे हैं।

शी जिनपिंग (Xi Jinping)  चाहते हैं कि वे ताइवान को 2027 से पहले अपने क्षेत्र में शामिल कर इतिहास रच लें, लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें युद्ध तो जरूर करना पड़ेगा। इस युद्ध में केवल ताइवान नहीं, बल्कि अमेरिका और जापान भी कूदेंगे। फिलहाल चीन ने तो अमेरिका को खुद ही उकसाया है। बता दें कि अमेरिका-चीन के संबंधों में सबसे ज्यादा कड़वाहट इस महीने उत्तरी अमेरिका के आसमान में देखे गए जासूसी गुब्बारे को लेकर आ गई है।इसलिए अमेरिका अब चीन को सबक सिखाने के लिए नई रणनीति बना रहा है।

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अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त सैनिकों को न केवल अमेरिकी हथियार प्रणालियों पर बल्कि संभावित चीनी आक्रमण से बचाने के लिए सैन्य युद्धाभ्यास पर ताइवान बलों को प्रशिक्षित करने का काम सौंपा जाएगा। अधिकारियों ने तैनाती के बारे में और ज्यादा जानकारी देने से अभी इनकार किया है। इस साल जनवरी में एक यूएस थिंक टैंक (US Think Tank) ने 2026 तक का विश्लेषण किया है कि अगर तानाशाह चीन ताइवान पर आक्रमण करता है तो बहुत कुछ खो देगा। थिंक टैंक ने अपने अनुमान में बताया, ‘बड़े पैमाने पर नुकसान तो होगा ही यहां तक कि अमेरिका और जापानी सेना भी इस युद्ध में कूदेंगे और ताइवान का साथ देंगे, लेकिन अंत में चीन की ही हार होनी है। अब यह भविष्यवाणी सच होती दिखाई दे रही है।