दुनिया के कुछ देशों में सैन्य-खर्च तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका (US), चीन (China), रूस (Russia) और सउदी अरब जैसे देशों की सरकारें डिफेंस और हथियारों पर अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की सालाना रिपोर्ट में जो खुलासा किया गया है, उसे जानकार आप चौंक जाएंगे। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया ने सालभर में डिफेंस और हथियारों पर 2.24 ट्रिलियन यानी 183 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। ये दुनिया में अब तक का मिलिट्री पर किया गया सबसे ज्यादा खर्च है। जिसमें केवल यूरोप महाद्वीप में ही जंग के चलते डिफेंस के खर्च में एक साल में 13% की बढ़ोतरी हुई है। सिप्री ने कहा कि ये खर्च में जो बढ़ोत्तरी आई है, वह रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से है लेकिन रूसी खतरे को देखते हुए दुनिया के अन्य देशों ने भी अपने सैन्य खर्च को बढ़ा दिया है। सिप्री के वरिष्ठ शोधकर्ता नान तिआन ने कहा, ‘दुनियाभर में हाल के दिनों में सैन्य खर्च लगातार बढ़ना इस बात का संकेत है कि हम लगातार एक असुरक्षित विश्व में जी रहे हैं। दुनिया के देश अपने सैन्य खर्च को बढ़ा रहे हैं ताकि लगातार खराब हो रहे सैन्य माहौल का जवाब दिया जा सके और इन देशों का मानना है कि यह निकट भविष्य में सुधरने नहीं जा रहा है।’
भारत से 4 गुना ज्यादा China का बजट
भारत से उसकी तुलना करें तो उसका बजट भारत से लगभग 4 गुना ज्यादा हो गया है। भारत ने अपने डिफेंस पर पिछल साल यानी कि 2022 में 6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि चीन (China) ने 23 लाख करोड़ का खर्चा किया।चीन (China) ने लगातार 28वें साल अपने सैन्य बजट को बढ़ाया है। चीन (China)के दादागिरी का सामना कर रहे भारत का रक्षा बजट अब 81.4 अरब डॉलर पहुंच गया है जो पिछले साल के मुकाबले 5.9 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं जापान ने भी चीन (China) और उत्तर कोरिया से निपटने के लिए अपने रक्षा बजट को 46 अरब डॉलर तक कर दिया है। साल 1960 के बाद यह जापान का सबसे ज्यादा रक्षा बजट है। रक्षा खर्च के मामले में सऊदी अरब पांचवें नंबर पर है जो करीब 75 अरब डॉलर है।
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