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INS Kirpan: China के खिलाफ भारत का चक्रव्यूह! Vietnam को हिंदुस्तान गिफ्ट में देगा मिसाइल युद्धपोत

चीन (China) का भारत ही नहीं, कई पड़ोसी देशों से जमीन को लेकर विवाद है। इसमें एक देश वियतनाम भी है, जहां के रक्षा मंत्री जनरल फान वान जियांग भारत आए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनका वेलकम करते हुए एक बड़े गिफ्ट का ऐलान किया है। खास बात यह है कि भारत का वियतनाम को दिया जाने वाला गिफ्ट चीन (China) को चुभ सकता है। जी हां, चीन (China) के आक्रामक रवैये को देखते हुए भारत स्वदेशी मिसाइल युद्धपोत INS कृपाण वियतनाम को गिफ्ट के तौर पर देगा। 1350 टन खुखरी क्लास की आईएनएस कृपाण नौसेना में अपनी सेवा दे रही है। इसे नेवी में 12 जनवरी 1991 को शामिल किया गया था। 91 मीटर की इस वॉरशिप में मीडियम रेंज की गन लगी है। इसके अलावा मिसाइल और लॉन्चर भी तैनात रहते हैं। यह समंदर में कई भूमिकाओं को निभाने में सक्षम है।

यही नहीं, वियतनाम के सैनिकों को सबमरीन और फाइटर जेट ऑपरेशन की ट्रेनिंग देने पर भी बात हुई है। वियतनामी जवानों को साइबर सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर जैसे कई चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने सोमवार को द्विपक्षीय बैठक कर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। वियतनाम ने सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। इसके अलावा वह ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और दूसरे सैन्य साजोसामान भारत से चाहता है। शायद यही वजह है कि वियतनामी रक्षा मंत्री ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) मुख्यालय का दौरा किया। साथ ही रक्षा अनुसंधान और संयुक्त उत्पादन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। वह लगातार वियतनाम के इकोनॉमिक जोन में युद्धपोत भेजता रहता है। चीन के आसपास के द्वीपों पर अपना दावा ठोकने से क्षेत्र में तनाव बना रहता है। कुछ ऐसी ही साजिश चीन भारत के साथ लगती सीमा पर भी करता है। इधर भारत वियतनाम, इंडोनेशिया, सिंगापुर और फिलीपींस के साथ नियमित युद्धाभ्यास के जरिए रक्षा संबंधों को मजबूत कर रहा है।

‘INS Kirpan’ उपहार में देना वियतनाम की नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर

राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि स्वदेश में बनी मिसाइल युद्धपोत आईएनएस कृपाण को उपहार में देना वियतनाम की नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वियतनाम एक महत्वपूर्ण साझेदार है।

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