पाकिस्तान (Pakistan) की बेहद ख़राब हालात में चीन उसका सहारा बनने के लिए फिर सामने आ गया है। लेकिन ड्रैगन बिना स्वार्थ के किसी की भी मदद नहीं करता चाहे दोस्त देश ही क्यों न हो। अब यह मदद करने के पीछे भी चीन कोई ना कोई साज़िश ज़रूर रच रहा है। चीन ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के पंजाब सूबे में 4.8 अरब डॉलर की लागत से 1200 मेगावाट क्षमता का एक परमाणु संयंत्र लगाने के लिए मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। चीन ने यह करार दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के संकेत के तौर पर किया है। समझौते पर हस्ताक्षर करने के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे।
Pakistan को चीन से इस परियोजना के लिए 4.8 अरब डॉलर का निवेश
पाकिस्तान (Pakistan) मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ने इसके साथ ही पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार को बिजली परियोजनाओं में देरी के लिए आड़े हाथ लिया। शरीफ ने कहा कि मुश्किल आर्थिक हालात के बीच पाकिस्तान को चीन से इस परियोजना के लिए 4.8 अरब डॉलर का निवेश मिल रहा है जो संदेश देगा कि ‘पाकिस्तान वह स्थान है जहां पर चीनी कंपनियां और निवेशक निवेश कर रहे हैं जो उनके विश्वास और भरोसे को इंगित करता है।’
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प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने संबोधन में परमाणु संयंत्र समझौते को चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग का प्रतीक करार दिया और संकल्प लिया कि इस परियोजना को बिना देरी के पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस पर काम बिना देरी के शुरू करेंगे।