पिछले साल 2021 दिवाली के मौके पर केंद्र की मोदी सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए गिफ्ट के तौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कटौती कर राहत दी थी। तेल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे थे और सेंचुरी मारते हुए कई शहरों में 116 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया था। वहीं डीजल के दाम भी कई सहरों में 100 रूपए प्रति लीटर के करीब पहुंचने और पार करने वाले थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए टैक्स में कटौती कर दिया जिसके बादपेट्रोल-डीजल की कीमतें घट गई। अब एक बार फिर से जनता को रहात मिल सकता है।
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दरअसल, इसके पीछे वजह है कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट। कच्चे तेल के भाव सुस्त होते नजर आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में शुक्रवार, 18 फरवरी को कच्चे तेल की कीमतें 92.23 डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं। WTI क्रूड की कीतमें 0.90 फीसदी की गिरावट के साथ 90.93 डॉलर पर पहुंच गई हैं। जबकि, गुरुवार को इसकी कीमतें 92.73 डॉलर थी। इसके साथ ही आज ब्रेंट क्रूड के भाव भी 0.80 प्रतिशत की गिरावट के बाद 92.23 डॉलर पर गए हैं।
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव का फिलहाल भारत की आम जनता पर किसी भी तरह कोई गहरा असर देखने को नहीं मिल रहा है। कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर रहने वाले पेट्रोल और डीजल के दाम इन दिनों स्थिर चर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार घट-बढ़ रही हैं लेकिन देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बीते 107 दिनों से स्थिर हैं। फिलहाल तेल के कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। चुनाव के बाद यह देखा जाना दिलचस्प होगा की तेल के दाम उपर जाते हैं या फिर आम जनता को राहत मिलती है।