10 रुपए का सिक्का शायद हर किसी के पास होगा। ये सिक्का जब आया था तब लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि इस सिक्के का भी नकली सिक्का निकल जाएगा। मार्केट में जब हमें दुकानदार 10 रुपए का सिक्का देते हैं तो यह पहचान कर पाना मुश्किल हो जाता है कि वो असली है या नकली। इसके साथ ही दस रुपए के सिक्के को लेकर आम लोगों के मन में धारणा है कि इसके कई आकार और रंग के सिक्के बाजार में हैं जिसमें सभी असली यानी कि लीगल टेंडर नहीं हैं। इसी को लेकर संसद में सरकार से एक लिखित सवाल पूछा गया था। जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि 10 रुपए के सिक्कों को रिजर्व बैंक (RBI) विभिन्न थीम, आकार और डिजाइन में जारी करता है और ये सभी मान्य हैं। इन्हें भी प्रकार के लेन-देन के लिए लीगल टेंडर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार (8 फरवरी 2022) को राज्यसभा में लिखित में कहा कि दस रुपये के सभी प्रकार के चलन में सिक्के लीगल टेंडर हैं। सरकार से सवाल किया गया था कि, "क्या देश के कई हिस्सों में 10 रुपये के कुछ सिक्कों को फर्जी मानते हुए लोग नहीं स्वीकार कर रहे हैं?" इसके अलावा उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार 10 रुपये के सिक्के के लीगल टेंडर बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएगी? इसी सवाल के चवाब में चौधरी ने कहा है कि समय-समय पर 10 रुपये के सिक्कों को स्वीकार नहीं किए जाने की शिकायतें आती रही हैं लेकिन ये लीगल टेंडर हैं। चौधरी ने संसद में जानकारी दी कि 10 रुपये का सिक्का नहीं स्वीकार करने को लेकर किसी दुकानदार के खिलाफ शिकायत की खास जानकारी उपलब्ध नहीं है।
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इसके साथ ही उन्होंने जागरूकता फैलने पर जोर दिया दिया। उन्होंने कहा कि, 10 रुपये के सिक्के को लेकर गलत धारणाओं को खत्म करने और आम लोगों के दिमाग से डर निकालने के लिए समय-समय पर आरबीआई प्रेस रिलीज जारी करता है। इसमें लोगों से दस रुपये के सिक्के को बिना किसी हिचक से स्वीकार करने का आग्रह किया जाता है। इसके अलावा आरबीआई देश भर के लोगों को एसएमएस भेजकर और प्रिंट मीडिया में कैंपेन के जरिए भी आम लोगों को जागरुक करता है।