नए वेज कोड को लेकर मोदी सरकार अभी अफसरों संग चर्चा कर रही है। इस वेज कोड को 1 अप्रैल से लागू किया जाना था, लेकिन राज्य सरकारों की ओर से ड्राफ्ट तैयार न होने के कारण इन नियमों को लागू नहीं किया गया। माना जा रहा है कि अब नया वेज कोड अक्टूबर में लागू हो जाएगा। अक्टूबर तक सभी राज्य भी अपने-अपने ड्राफ्ट रूल्स सरकार को भेज देंगे। इस नए नियम के तहत कर्मचारियों की छुट्टियां से लेकर सैलरी और काम करने के घंटे में भी कई बदलाव किए जाएंगे।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अनुसार, कर्मचारियों के काम के घंटे 9 से बढ़कर 12 किए जाएंगे। दरअसल, हफ्ते में 48 घंटे काम करने का नियम लागू रहेगा। अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी। अगर कोई दिन में 12 घंटे काम करता है तो बाकी 3 दिन उस कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी। इसके अलावा, सैलरी स्ट्रक्चर में भी बदलाव किए गए है।
वेज कोड एक्ट, 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए नई स्कीम्स लाई जाएगी। इसके अलावा सभी मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रॉविडेंट फंड की सुविधा दी जाएगी। सभी कर्मचारियों को ईएसआई का कवरेज भी मिलेगा। जिसके तहत महिलाओं को सभी तरह के कारोबारों में काम करने की इजाजत होगी, उन्हें नाइट शिफ्ट करने की भी मंजूरी मिलेगी।
कर्मचारियों की अर्जित अवकाश यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती है। लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी। जिसमें कर्मचारियों की छुट्टियों को बढ़ाने की मांग की गई थी।