सिद्धार्थ मल्होत्रा, कियारा आडवाणी स्टारर फिल्म 'शेरशाह' को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। ये फिल्म परम वीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा की कहानी पर आधारित है। फिल्म में सिद्धार्थ फिल्म में डबल रोल में हैं। उन्होंने कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वां भाई विशाल का रोल भी निभाया है जबकि कियारा ने डिंपल चीमा का रोल निभाया है। 'तिरंगा लहराकर आऊंगा या तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरूर'… फिल्म का ये सीन लोगों को देशभक्ति के डूबो देता है।
फिल्म की कहानी-
फिल्म साल 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा की बायोपिक हैं। कारगिल युद्ध में 'शेरशाह' कैप्टन विक्रम बत्रा का कोडनेम था, जिसके प्रति ईमानदार रहते हुए उनकी बहादुरी और बलिदान ने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। कहानी की शुरूआत होती है पालमपुर गांव से होती है, जहां विकी यानी विक्रम बत्रा पैदा हुए थे। बचपन से ही साहसी विकी एक दिन टीवी पर एक सीरियल देखता है, जिसमें आर्मी के जवानों की कहानी दिखाई जाती है। विकी बड़ा होकर सेना में भर्ती होना चाहता हैं।
कॉलेज के दिनों में उसे अपने साथ पढ़ने वाली एक लड़की डिंपल चीमा से प्यार हो जाता है और दोनों एक-दूसरे से शादी करना चाहते है, लेकिन डिंपल के पिता इस शादी के लिए नहीं मानते। डिंपल के पिता को अच्छी कमाई करने वाला लड़का चाहिए। जिसके चलते विक्रम बत्रा सेना में भर्ती होने का सपना छोड़कर किसी प्राइवेट कंपनी में नौकरी की तलाश करता हैं, लेकिन उसके पिता और दोस्त समझाते हैं कि उसका सेना ही पहला प्यार है।
इसके बाद विकी इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वॉइन करके सेना में अफसर बनता है। उसकी पहली पोस्टिंग जम्मू कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट होती है। फिल्म में आतंकियों और सेना के बीच कई मुठभेड़ की घटनाएं दिखाई जाती हैं। इसी दौरान पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के संयुक्त मोर्चे को विफल करने के लिए विकी को भेजा जाता है। अपनी वीरता और शौर्य की बदौलत वो पाकिस्तान द्वारा कब्जा की गई भारतीय पोस्ट को आजाद करा देते हैं। उनकी उपलब्धि को देखते हुए उनका प्रमोशन करके कैप्टन बना दिया जाता है। इसके बाद कैप्टन बत्रा एक नए मिशन पर जाते हैं, जहां वो शहीद हो जाते हैं।