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Mission Oxygen: सस्ता मोबाइल डेटा नहीं अब आम आदमी को ‘सांसे’ भी पहुंचाएगी Reliance कंपनी

Reliance Mission Oxygen

कोरोना कू दूसरी लहर में देश के अस्पतालों में बेड की कमी पड़ गई है साथ ही ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई जिसके लिए सरकार लगातार ऑक्सीजन की किल्लत को खत्म करने की कोशिश कर रही है। इस दौरान कई देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं। वहीं, अब देश के सबसे दिग्गज मुकेश और नीता अंबानी ने ऑक्सीजन की पूर्ती के लिए आगे आए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मिशन ऑक्सीजन (Mission Oxygen) शुरू किया है।

24 ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट किए

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और संस्थापक नीता अंबानी ने इसकी कमान संभाली है जिससे देश के उन राज्यों में ऑक्सीजन सप्लाई करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू किया गया जहां इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है ये मुफ्त में दी जाएगी। रिलायंस ने ऑक्सीजन की सप्लाई चेन को पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और थाईलैंड से 24 ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट किए। देश में लिक्विड ऑक्सीजन की कुल परिवहन क्षमता में इससे 500MT का इजाफा हुआ है।

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प्रतिदिन 1000MT से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का हो रहा उत्पादन

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपनी जामनगर तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 1000MT से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। यह ऑक्सीजन कोविड-19 उन राज्यों को मुफ्त में दिया जा रहा है जहां सबसे ज्यादा जरूरत है। इसकी निगरानी खुद मुकेश अंबानी कर रहे हैं। रिलायंस की जामनगर स्थित रिफाइनरी के बहुत से प्रोसेस में बदलाव कर ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन का निर्माण किया जा रहा है। और साथ ही लोडिंग और परिवहन क्षमताओं को बढ़ाना ताकि इसे जरूरतमंद राज्यों तक ऑक्सीजन को सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है।

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नाइट्रोजन टैंकर्स को बदल दिया गया ऑक्सीजन टैंकर्स में

महामारी की शुरूआत से अब तक 55,000 MT मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की फ्री सप्लाई रिलायंस द्वार की जा चुकी है। नाइट्रोजन टैंकर्स को ऑक्सीजन टैंकर्स में बदल दिया गया है। वहीं, रिलायंस ने ऑक्सीजन की सप्लाई चेन को पुख्ता करने के लिए सऊदी अरब, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैंड और थाईलैंड से 24 ऑक्सीजन टैंकर्स एयरलिफ्ट किए। देश में लिक्विड ऑक्सीजन की कुल परिवहन क्षमता में इससे 500 MT का इजाफा हुआ है। एयरलिफ्ट करने में भारतीय वायुसेना का सहयोग मिल रहा है।