भारत में जीत तेजी के साथ कोरोना संक्रमण फैल रहा है आने वाले दिनों में यह और भी चरम पर होगा। विशेषज्ञों ने पहले ही दावा किया है कि मार्च के बीच में कोरोना पीक पर होगा और उस वक्त संक्रमण के ज्यादा मामले आने वाले हैं। अब एक और सर्वे में यह कहा गया है कि कुछ हफ्तों के दौरान भारत में पांच लाख आईसीयू बिस्तरों, दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की जरूरत पड़ने वाली है।
दरअसल, प्रख्यात सर्जन डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी ने दावा किया है कि आने वाले दिनों में भारत में भारत में पांच लाख आईसीयू बिस्तरों, दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की जरूरत पड़ने वाली है। इसके साथ ही उन्होंने भारत में कोविड-19 महामारी की स्थिति और बदतर बताया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि, मौजूदा समय में भारत में 75 से 90 हजार आईसीयू बिस्तर हैं और वे महामारी की दूसरी लहर के चरम पर पहुंचने से पहले ही भर चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी भारत में रोजाना 3.5 लाख से ज्यादा मामले आ रहे हैं और कुछ विशेषज्ञों कि माने तो कुछ समय बाद यह रोजाना पांच लाख हो सकती है।
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अस्पतालों में डॉक्टरों-नर्स के न होने पर मरीजों की मौत होगी खबरों की अगली सुर्खी
नारायण हेल्थ फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं संस्थापक डॉ. शेट्टी ने सिम्बायोसिस स्वर्ण जयंती व्याख्यान में बोलते हुए कहा कि ज्यादातर अखबारों की सुर्खियां और मुख्य टलीविजन चैनलों के प्राइम टाइम में आईसीयू में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मुझे रातों को नींद नहीं आती क्योंकि खबरों की अगली सुर्खी डॉक्टरों और नर्स के नहीं होने की वजह से ऑईसीयू में भर्ती मरीजों की मौत को लेकर होने वाली होगी। उन्होंने कहा कि यह होने जा रहा है और इसको लेकर मुझे कोई शक नहीं है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रत्येक संक्रमित मरीज के साथ पांच से 10 लोग ऐसे हैं जिनकी जांच नहीं हो रही है। इसका अभिप्राय है कि भारत में अब रोजाना 15 से 20 लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं। सांख्यिकी के मुताबिक उम्र से परे पांच प्रतिशत संक्रमितों को आईसीयू बिस्तर की जरूरत होती है औसतन 10 दिन मरीज आईसीयू में भर्ती रहता है। 'आप सोच सकते हैं कि क्या परिस्थिति है। आप जानते हैं कि हमें क्या करना है? हमें कम से कम पांच लाख आईसीयू बिस्तर की जरूरत अगले कुछ हफ्तों में है।'
दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की कुछ हफ्तों में पड़ेगी जरूरत
उन्होंने कहा कि, दुर्भाग्य से बिस्तर मरीजों का इलाज नहीं करते। हमें नर्स, डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी उसी अनुपात में चाहिए। आईसीयू में भर्ती कोविड-19 मरीज का इलाज प्रबंधन अधिकतर नर्स पर निर्भर करता है न कि डॉक्टर पर। महामारी शुरू होने से पहले ही सरकारी अस्पतालों में 78 प्रतिशत विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी थी। हमें कम से कम दो लाख नर्सों और डेढ़ लाख डॉक्टरों की अगले कुछ हफ्तों में जरूरत है जो अगले एक साल तक कोविड-19 मरीजों का इलाज कर सके क्योंकि मौजूदा करीब चार से पांच महीने तक रहेगी और उसके बाद हमें तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए।
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महामारी से निपटने के लिए नर्सिंग स्टूडेंट्स की हो तैनाती
उन्होंने कहा कि भारत में करीब 2.20 लाख नर्सिंग स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने विभिन्न नर्सिंग स्कूलों में तीन वर्षीय जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी या चार वर्षीय बीएससी पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है और परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय नर्सिंग परिषद को इन विद्यार्थियों को अलग एक साल तक कोविड-19 आईसीयू वार्ड में नियुक्त करने पर विचार करना चाहिए और इसके बाद उन्हें स्नातक की डिग्री देनी चाहिए। साथ ही सरकार इन्हें अन्य सरकारी नौकरियों में भी प्राथमिकता दे सकती है।