कोरोना वायरस की दूसरी लहर मासूम बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमित बच्चों के केस लगातार बढ़ रहे है। हाल ही में 16 से कम उम्र के कोरोना संक्रमित बच्चों पर की गई रिसर्च में सामने आया है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद भी उनमें लंब समय तक कोरोना के लक्षण बने रहते है। ये दावा नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन में प्रकाशित एक स्टडी में किया गया है। इसके मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने के बाद कोरोना के मरीज लंबे समय तक इसके लक्षणों और खराब सेहत से ग्रस्त हो रहे है।
कोरोना से जंग आपके बच्चे ने बेशक जीत ली हो, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसके लक्षणों से जूझना पड़ेगा। यहां तक कि जिन बच्चों में हल्के लक्षण दिखे हैं, उन्हें भी लंबे समय तक बीमार रहने की परेशानी हो रही है। चलिए आपको बताते है कि बच्चों में पोस्ट-कोविड के आखिर क्या है लक्षण-
जल्दी थकान- आमतौर पर बुजुर्गों को ही जल्दी थकान महसूस होती है। लेकिन कोरोना से ग्रस्त होने के बाद बच्चों को थकान, जोड़ों, जांघों, सिर, हाथों और पैरों में दर्द महसूस होने लगता है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी ये लक्षण रहता है। कुछ मामलों में बच्चों में पांच महीने से भी ज्यादा समय तक थकान बनी रह सकती है।
नींद पूरी न होना- रिसर्च में कोरोना वायरस से लड़ रहे बच्चों में नींद आने में दिक्कत की परेशानी देखी गई है। कोरोना से संक्रमित 7 प्रतिशत से भी ज्यादा बच्चों को किसी न किसी तरह की नींद से जुड़ी परेशानी होती है। वायरस होने के बाद डर, चिंता और आइसोलेट होने की वजह से भी बच्चे परेशान है जिसका असर उनकी नींद पर पड़ रहा है।
चिड़चिड़ापन- कोरोना से पीडित रहने वाले बच्चों में चिड़चिड़ापन होने का खतरा भी ज्यादा है। लगभग 10 पर्सेंट बच्चों ने याद्दाश्त में दिक्कत आने, ज्यादा थकान महसूस होने और ध्यान लगाने में दिक्कत होने की बात कही है। इसके अलावा कोरोना के बाद बच्चों में चक्कर आने और नसों से संबंधित समस्याएं भी हो सकती है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल- कोरोना से ग्रस्त होने के दौरान बच्चों ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की भी शिकायत की है। इसमें पेट दर्द और पाचन से जुड़ी समस्याएं होती है।