बच्चे हो या मां… कोरोना वायरस की दूसरी लहर सभी को अपने चपेट में ले रही है। ऐसे में वो महिलाएं ज्यादा चितिंत है, जो अभी-अभी ही मां बनी है या जिनके बच्चे अभी बहुत ही छोटे है। अगर मां कोरोना पॉजीटिव है, तो ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि वो अपने बच्चे को दूध कैसे पिलाएं, क्योंकि ब्रेस्ट मिल्क के जरिए मां से शिशु को इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में इस मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने अपना जवाब दिया है।
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डब्ल्यूएचओ के बताया कि ब्रेस्ट मिल्क से मिलने वाले फायदे कोरोना के जोखिम से ज्यादा महत्वपूर्ण है। कोरोना पॉजीटिव मां भी बच्चे को दूध पिला सकती है। ब्रेस्ट मिल्क में बहुत पोषण होता है। शिशु के लिए मां का दूध से ज्यादा पौष्टिक कुछ भी नहीं है। इसमें पानी, फैट, कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थ, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम और विटामिन ए, सी एवं डी होता है। शिशु के लिए इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए पोषण का यही एकमात्र जरिया है।
मां का दूध बच्चे को खतरनाक वायरल संक्रमणों से दूर रखता है। शिशु को स्तनपान करवाना वायरस से लड़ने और उसे बचाने का सबसे बेहतर तरीका है। कोरोना पॉजिटिव माएं कप में दूध भर दें और परिवार का कोई सदस्य इस दूध को चम्मच से शिशु को पिला दे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान मास्क और ग्लव्स पहनकर रखें। अगर आप ब्रेस्ट पंप के जरिए शिशु को दूध पिला रही है, तो इन बातों को जरुर फॉलो करें-
शिशु को हाथ लगाने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं।
दूध पिलाते समय मास्क पहनकर रखें।
ब्रेस्ट पंप या बोतल को हाथ लगाने से पहले हाथों को धोएं और हाथों में ग्लव्स पहनकर रखें।
आप बोतल में ब्रेस्ट मिल्क भर कर शिशु को पिला सकती हैं।
शिशु के साथ फेस-टू-फेस कॉन्टैक्ट न करें।
खांसते या छींकते समय इस्तेमाल किए गए टिश्यू को तुरंत फेंक दें।
जब दूध नहीं पिला रही हैं, तो शिशु से 6 फीट की दूरी बनाकर रखें।