भारत की कोरोना वैक्सीन पर दुनिया भरोसा जता रही है। अब तक तकरीबन 92 देशों ने कोरोना वैक्सीन खरीदने के लिए भारत से संपर्क किया है। ये साबित करता है कि अन्य देशों में बनी कोरोना वैक्सीन से कहीं ज्यादा भारतीय वैक्सीन कारगर साबित हुई है। कोरोना टीकाकरण का पहला चरण जब से शुरू हुआ है, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन सबसे अधिक कारगर साबित हुई है। खास बात ये है कि इस वैक्सीन से अभी तक किसी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव देखने को नहीं मिला है। भारतीय वैक्सीन की सफलता को देखते हुए दुनिया के ज्यादातर देश भारत से वैक्सीन लेना चाहते हैं। चीन के खास दोस्त पाकिस्तान को भी भारतीय वैक्सीन पर ज्यादा भरोसा है।
वैश्विक महामारी कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। इसीलिए वो अपने पड़ोसी देशों नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार को भी वैक्सीन उपलब्ध करा रहा है। भारत से वैक्सीन की डिमांड करने वाला सबसे नया देश दोमिनिकन गणराज्य है। इस देश के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वैक्सीन उपलब्ध कराने का निवेदन किया है।
लैटिन अमेरिकी देश ब्राजील से भारतीय वैक्सीन को लेने के लिए स्पेशल प्लेन पुणे भेजा जाएगा। ब्राजील वो देश है, जहां अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज पाए गए। ब्राजील ने कोविड-19 वैक्सीन के 20 लाख डोज की डिमांड पहले चरण में की थी। बोलीविया की सरकार ने भी भारत के सिरम संस्थान के साथ 50 लाख एस्ट्रा जेनेका कोरोना वैक्सीन के लिए अनुबंध किया है।
भारत की ओर से स्पष्ट संदेश दिया गया है कि कोरोना वैक्सीन मानवता की रक्षा के लिए है। जरूरत पड़ने पर चीन और पाकिस्तान को भी वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। एक ओर जहां भारतीय वैक्सीन पर दुनिया भरोसा जता रही है, वहीं चीन की वैक्सीन के परिणाम संतोष जनक नहीं आ रहे।