Aero India 2023 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बेंगलुरु के येलहंका वायु सेना स्टेशन में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने एयरो इंडिया 2023 पर स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण में पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा एक ऐसा क्षेत्र है, जिसकी तकनीक, मार्केट और सतर्कता को सबसे जटिल माना जाता है। हमारा लक्ष्य है 2024-25 तक इसके निर्यात के आंकड़े को डेढ़ बिलियन से बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर तक ले जाया जाए।
भारत तेज व दूर की सोचता है
पीएम मोदी (Pm Modi) ने कहा कि अमृतकाल का भारत एक फाइटर पायलट की तरह आगे बढ़ रहा है, जिसको ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता। जो सबसे ऊंची उड़ान भरने के लिए उत्साहित है। आज का भारत तेज सोचता है, दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत अब न तो कोई मौका गंवाएगा और न ही मेहनत करने में पीछे रहेगा। हम तैयार हैं। सुधारों की राह पर हम हर क्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं। दशकों तक रक्षा का सबसे बड़ा आयातक देश अब 75 देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है।
कुछ अन्य पॉइंट्स में समझे
भारत में डिफेंस सेक्टर को मजबूती देने का सिलसिल और भी आगे बढ़ेगा। आने वाले समय में हम एयरो इंडिया के और भव्य आयोजन का गवाह बनेगा।
देश-विदेश के एग्जिबिटर इसमें अपनी भागीदारी कर रहे हैं। इसने अब तक अपने सारे रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। इसमें भारतीय MSME भी हैं, स्वदेशी स्टार्ट अप भी है और दुनिया की जानी मानी कंपनी भी है।
नीतियों में जैसी साफ नीयत है वो अभूतपूर्व है। हमने कई कदम उठाए हैं। एफडीआई को आसान बनाने कई नियमों को मंजूरी दी गई है।
भारत की रफ्तार कितनी ही तेज क्यों न हो, उसकी जड़ें हमेशा जमीन से जुड़ी रहती है। एयर इंडिया के पायलट भी तो यही करते हैं।
भारत के प्राइवेट सेक्टर को तो यह समय जाने नहीं देना चाहिए। एक ऐसा देश ऊंचाइयां छूने से डर नहीं लगता है। आज का भारत दूर की सोचता है और तुरंत फैसले लेता है।
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आज आकाश में गरजना करते तेजस फाइटर प्लेन मेक इंडिया के विस्तार का प्रमाण हैं। ये आत्मनिर्भरत भारत का वो बढ़ता सामर्थ है। यह मजह एक शो नहीं है बल्कि भारत की ताकत है।
प्रदर्शनी में सरकार के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
एयरो इंडिया में लगभग 250 बिजनेस-टू-बिजनेस समझौते होने की उम्मीद है, जिससे लगभग 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग भी खुलने का अनुमान है।