'पाकिस्तान के पीएम इमरान और पाकिस्तानी आर्मी चीफ भारतीय पायलट कैप्टन अभिनंदन को सरे आम सजा देकर अपनी नाकामयाबी को ढंकना चाहते थे। भारत ने भनक लगते ही अपनी मिसाइलों के मुंह पाकिस्तान की ओर मोड़ दिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर पाकिस्तान ने कैप्टन अभिनन्दन को नुकसान पहुंचाने की नादानी कर दी होती तो आज पाकिस्तान दुनिया के नक्शे पर नहीं होता। '
पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी 2019 को एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान के बालाकोट (खैबर पख्तूनख्वाह) में आतंकियों के एक बड़े अड्डे को नेस्तनाबूद कर दिया था। इसके दूसरे दिन पाकिस्तान की वायुसेना के जहाज झेंप मिटाने के लिए राजौरी के जंगलों में अपने जहाजों से बम गिरा कर भागने लगे। भागते हुए पाकिस्तानी जहाजों का पीछा करते हुए मिग बाइसन पर सवार भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान ने पाकिस्तानी वायुसेना का एक जहाज गिरा दिया और दूसरे पर भी निशाना लगा दिया। इसी बीच एक पाकिस्तानी मिसाइल ने उनके विमान को हिट कर दिया। अभिनन्दन ने जलते हुए बाईसन से यह सोच कर छलांग लगा दी कि वो भारतीय सीमा के भीतर ही हैं। लेकिन जमीन पर गिरने के बाद पता चला कि वो दुश्मन के हाथों में पड़ चुके हैं।
डोभाल की चेतावनी से हिल गया पाकिस्तान
असली कहानी यहां के बाद से शुरू होती है। भारत को बेइज्जत करने के लिए कैप्टन अभिनंदन के वीडियो पाकिस्तानी मीडिया पर ऐसे दिखाए जाने लगे जैसे कि उन्होंने बालाकोट का बदला ले लिया हो। बहरहाल, 27 की शाम को ही भारत के एनएसए अजित डोभाल ने पाकिस्तानी एनएसए को फोन किया और अभिनन्दन को सकुशल भारत भेजने की चेतावनी दी। ऐसा कहा जाता है कि डोभाल ने पाकिस्तानी काउंटर पार्ट को बता दिया था कि अगर कैप्टन अभिनंदन के साथ कुछ गलत हुआ तो पाकिस्तान धरती के नक्शे से हमेशा-हमेशा के लिए मिट जाएगा।
विभिन्न समाचार सूत्रों का दावा है कि भारत ने मात्र छह मिसाइलों में पाकिस्तान को खत्म कर देने के चेतावनी दी थी तो पाकिस्तान ने 18 मिसाइल दागने की धमकी दी थी। अमेरिका और अरब देशों को भारत की नाराजगी और उसके एक्शन के बारे में जानकारी थी। अमेरिका जानता था कि अगर भारत ने कार्रवाई कर दी तो पाकिस्तान बदले में हमले के काबिल भी नहीं बचेगा। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी जानते थे कि अगर कैप्टन अभिनंदन की सकुशल वापसी न होने पर पाकिस्तान का खात्मा तय है।
तमाम ताकतों ने भारत से किया हमला न करने का आग्रह
तत्कालीन अमेरिकी एनएसए जॉन बॉल्टन, रक्षा मंत्री एस्पर, विदेश मत्री माइक पोम्पियो और खुद ट्रंप सक्रिए हुए। उधर, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के शासकों ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि कैप्टन अभिनंदन के साथ गलत सलूक न किया जाए और उसकी तुरंत वापसी की जाए। तमाम राष्ट्राध्यक्षों ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया कि पाकिस्तान पर हमला न किया जाए। क्योंकि भारत ने हमला कर दिया होता तो पाकिस्तान का नामों-निशान मिटना तय था। इन हालातों के मद्देनजर इतिहास में लिखा जाता कि एक पायलट की एवज में भारत ने समूचे पाकिस्तान को तबाह कर दिया और दुनिया की तमाम ताकतें तमाशबीन बनीं रहीं। ये बातें इतिहास में न लिखी जाएँ इसलिए रूस-अमेरिका-सऊदी अरब और सयुंक्त अरब अमीरात ने पाकिस्तान को दो ही ऑप्शन दिए पहला कैप्टन अभिनंदन की वापसी या फिर तबाही।
डर से कांप रहे थे पाकिस्तानी हुक्मरान
दुनिया बड़ी ताकतों की चेतावनी को सुनने के बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और प्रधानमंत्री इमरान खान के पैर कांपने लगे। चेहरे पसीने से तर-बतर होने लगे। इस बात की तस्दीक पाकिस्तान की संसद में पाकिस्तानी वरिष्ठ सांसद अयाज सादिक ने की है। बहरहाल, इमरान खान को अपनी संसद में आकर बयान देना पड़ा कि कैप्टन अभिनंदन को वापस किया जा रहा है। … और एक मार्च की रात लगभग साढ़े नौ बजे अटारी बॉर्डर पर अभिनंदन की सकुशल वापसी हुई।