तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया। उनके साथ उनकी पत्नी, सैन्य अधिकारियों समेत 13 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद सीडीएस जनरल बिपिन रावत जिंदा थे। रेस्क्यू टीम द्वारा मलबे से बाहर निकालने जाने पर उन्होंने अपना नाम भी बताया था।
दरअसल, हादसे के बाद राहत और बचाव के लिए पहुंची टीम में शामिल एन सी मुरली ने बताया कि 'हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया, जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे। उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया। उनकी मौत अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में हुई। हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके। बाद में उनकी पहचान हुई कि वह ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह थे।' आपको हता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र व्यक्ति है, जो हादसे में जिंदा बचे है। इस हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे, जिसमें से 13 की मृत्यु हो चुकी है।
रेस्क्यू टीम के बताया कि दुर्घटनास्थल के पास काफी पेड़ होने के कारण काम में काफी दिक्कतें आ रही थी। हादसे में उन्हें 12 लोगों की डेड बॉडी मिली, जबकि 2 लोगों को चॉपर के मलबे से जिंदा निकाला गया था। इनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत भी थे। जिंदा बचे ये दोनों लोग बुरी तरह झुलसे हुए थे। वहीं वायुसेना की टीम बचाव दल को हेलिकॉप्टर के टूट चुके हिस्सों के बारे में लगातार गाइड कर रही थी। आपको बता दें कि जहां हादसा हुआ वो काटेरी गांव के पास का इलाका है। गांव के एक शख्स ने बताया कि 'मैं घर के लिए लकड़ी लेने बाहर निकला था। तभी हमें जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी। धमाका इतना तगड़ा था कि बिजली के खंबे तक हिल गए। पेड़ उखड़ गए।'