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Corona Vaccine: कोरोना का टीका लगवाने के बारे में सारे भ्रम खत्म, सरकारी पैनल ने बताया कब-कब लगवाई जा सकती है कोरोना वैक्सीन

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देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चल रहा है। लेकिन कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में अभी भी कई सवाल है। खास कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति वैक्सीन लेने को लेकर काफी दुविधा में है। उनके मन में सवाल है कि क्या वो तुरंत वैक्सीन लगवाएं या फिर समय अंतराल के बाद वैक्सीन की डोज ले। अगर आप कोरोना से ठीक हुए है, तो आप तुरंत टीका न लगवाए। 
इसको लेकर कोविड मैनेजमेंट पर बनी सरकारी समिति ने सिफारिश की है कि कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक होने के 6 महीने बाद ही वैक्सीन की पहली डोज लेनी चाहिए।
 
 
चूंकि कोविड महामारी से उबरने वालों में वायरस के खिलाफ एंटिबॉडी बन जाती है, इस कारण वो अगले कुछ महीनों तक कोरोना से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। यही कारण है कि एक्सपर्ट समूह ने संक्रमण से उबरने वालों के लिए टीकाकरण को छह महीने के लिए टालने की सिफारिश की है। टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने कहा है कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच का अंतर बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते किया जा सकता है। हालांकि, को-वैक्सीन के लिए तय अवधि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
 
 
अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन, दोनों के लिए पहली और दूसरी डोज के बीच 6 से 8 हफ्ते का अंतर रखा जाता है। सूत्रों की मानें तो एनटीएजीआई ने सरकार से कहा है कि वो गर्भवती महिलाओं को उनकी पसंद की कोरोना वैक्सीन चुनने की आजादी दे। गर्भवती महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद कभी भी टीका लगवा सकती हैं। बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं पर टीका का कोई नुकसान नहीं होगा, इसलिए वो प्रसव के बाद कभी भी टीका लगवा सकती है। गौरतलब है कि कोरोना टीकाकरण के लिए उम्र सीमा घटाकर 18 वर्ष करने के बाद बड़ी मात्रा में वैक्सीन की जरूरत पड़ गई है जिसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।