अफगास्तिान में तालिबानियों ने तकरीबन अपना पूरा कब्जा जमा लिया हैं। तालिबानियों के बाद वहां से सामने आ रही तस्वीरें दिल दहला रही हैं। महिलाओं को सिर्फ इसलिए गोली मारी जा रही हैं, क्योंकि उन्होंने हिजाब नहीं पहना हुआ हैं। आपको बता दें कि मुस्लिम धर्म में बुर्का, नकाब, हिजाब को लेकर कई मान्यताएं हैं। महिलाओं के शरीर को ढकने के लिए इन कपड़ों का अलग-अलग नाम दिया गया है। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मुस्लिम धर्म के मुताबिक बुर्का, नकाब, हिजाब में क्या फर्क होता है-
नकाब– नकाब एक तरह से कपड़े का परदा होता है, जो सिर और चेहरे पर लगा होता है। इसमें महिला का चेहरा तो कवर होता है, लेकिन आंखें नहीं। ये पूरी तरह चेहरे पर बंधा होता है। सिर से पांव तक ढकने वाली इस कपड़े में सिर्फ आंखें ही नजर आती हैं।
बुर्का– बुर्के में महिलाएं सिर से लेकर पांव तक पूरी ढकी होती है और आंखों पर एक जालीदार कपड़ा होता है। उस जालीदार कपड़े के जरिए महिलाएं बाहर देख सकती है। इसमें महिला के शरीर का कोई भी अंग दिखाई नहीं देता है।
हिजाब– नकाब और बुर्के से हिजाब बेहद अलग होता है। हिजाब में महिला का सिर और गर्दन ढकी रहती है, लेकिन महिला का चेहरा दिखता है। इसमें बालों को पूरी तरह से ढकना होता है। यह हर परंपरा और रिवाज या मान्यता के आधार पर तय होता है कि महिला क्या पहनती हैं।
दुपट्टा– दुपट्टा एक लंबा स्कार्फ होता है, जिससे सिर ढका होता है और ये कंधे पर रहता है। साउथ एशिया में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है और इसे शरीर पर इसे ढिले-ढाले तरीके से ओढ़ा जाता है। यह हिजाब की तरह नहीं बांधा जाता है।