'अगर आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं तो पहले आपको सूरज की तरह तपना होगा।' डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के इन्हीं विचारों ने लाखों-करोड़ों युवाओं की जिंदगी बदल दी। 27 जुलाई 2015 तो कलाम ने दुनिया को अलविदा कह दिया। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम ने 2002और 2007 के बीच भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। आईआईएम शिलांग के छात्रों को संबोधित करते हुए कलाम मंच पर गिर पड़े। इस हादसे के बाद उन्हें तुरंत शहर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अब्दुल कलाम बेशक इस दुनिया में न हो, लेकिन लोग उन्हें अपनी जिंदगी का आइडल मानते है। आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ किस्से बताते है। 27मई 2008को मेरठ एमआईआईटी कॉलेज के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने एपीजे अब्दुल कलाम मेरठ आए थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने राज्य के प्रति प्यार को खुलकर जाहिर रिया। उन्होंने बताया कि उनके दिल में इसी राज्य में बसता है। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं उनका अगला जन्म क्रांतिधरा भूमि मेरठ में हो। कलाम साहब ने यूपी से निकले वीर क्रांतिकारियों और उनकी प्रतिभाओं में खूब तारीफ की।
Remembering the Missile Man of India and former President, Bharat Ratna Dr. APJ Abdul Kalam on his death anniversary. pic.twitter.com/Vb6LzfOdML
— BJP (@BJP4India) July 27, 2021
यही नहीं, उन्होंने 'वेस्ट यूपी बेस्ट यूपी' का नारा भी दिया। एपीजे अब्दुल कलाम को 'मिसाइल मैन' कहते है। वो 1982में डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बने थे। जिसके बाद कलाम ने तब के रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया। इसी की बदौलत उन्होंने भारत के लिए पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग, ब्रह्मोस समेत कई मिसाइल बनाई। वो कलाम ही थे जिनके डायरेक्शन में देश को पहली स्वदेशी मिसाइल मिली।
जानें क्या हुआ था शिलांग में- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एपीजे अब्दुल कलाम 27जुलाई 2015को आईआईएम-शिलांग के द्वितीय वर्ष के छात्रों के साथ अपने अनुभव को साझा कर रहे थे। लगभग 6.30बजे भाषण शुरू होने के 15मिनट बाद वो अचानक बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें बेथानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों की एक टीम ने उनका इलाज करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। कलाम साहब ने शाम 7.45बजे अंतिम सांस ली।