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PFI के टारगेट पर थे PM Modi, पटना रैली में इसी ने रची थी हमले की साजिश

PFI Plotted to Attack on PM Modi in July

PFI Plotted to Attack on PM Modi: प्रतिबंधित संगठन (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) PFI का आतंकियों से कनेक्शन था। ये संगठन लगातार देश में माहौल खराब करने के लिए साजिश रच रहा था। जितने भी दंगे होते उसमें PFI का नाम जरूर होता। अब जब एनआई ने रेड मार गिरफ्तारी करनी शुरू की है तो कट्टरपंथियों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि, PFI ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PFI Plotted to Attack on PM Modi) पर हमले की साजिश रचा था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया है कि, संगठन ने बिहार के पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PFI Plotted to Attack on PM Modi) की रैली को निशाना बनाने की योजना तैयार की थी। इसके साथ ही PFI टेरर मॉड्यूल तैयार करने और अन्य हमलों की भी तैयारी कर रहा था। यानी की देश के अंदर रह कर, देश का खा कर, देश के साथ ही गद्दारी की जा रही थी।

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PFI पीएम मोदी पर हमला करने की रचा था साजिश
एक रिपोर्ट के मुताबकि, केरल से गिरफ्तार हुए PFI सदस्य शफीक पायेथ के रिमांड नोट में ईडी ने सनसनीखेज दावे किए हैं। एजेंसी का कहना है कि PFI इस साल 12 जुलाई को पीएम मोदी के पटना दौरे पर हमला करने के लिए ट्रैनिंग कैंप लगाया था। सबसे बड़ी बात यह कि, साल 2013 में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आतंकियों ने भी उनकी रैली में धमाका किया था।

इन लोगों को करता है टार्गेट
पीएफआई देश में वायरस की तरह फैला हुआ है, ये उन मासूम मुसलमानों को अपना शिकार बनाता है। बेरोजगार युवाओं या फिर गरीब जिन्हें पैसों की जरूरत होती है उन्हें अपनी जाल में फंसाता है और फिर इस्लाम के नाम पर झूठ-झाठ बोलकर उनका ब्रेन वॉश करता है। इसके बाद देश के खिलाफ उनके अंदर नफरत भरना शुरू करता है। ईडी और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने मिलकर देश के करीब 13 राज्यों में जब PFI के ठिकानों पर रेड किया तो इनसे जुड़ा कई मामला सामने आने लगा है।

इस तरह मंगाथा था विदेशों से पैसे
NIA ने 100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि, ईडी ने चार लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत का नाम शामिल है। ईडी इससे पहले भी इन सभी से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान पूछताछ कर चुकी है। जांच एजेंसी ने पायेथ पर भी शिकंजा कसा है। उसपर आरोप है कि, उसने भारत में NRI खाते का इस्तेमाल कर PFI के लिए विदेश से धन ट्रांसफर किया। रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने कहा है कि, बीते साल पायेथ के ठिकानों पर रेड की थी। एजेंसी ने कहा, ‘पीएफआई और उससे जुड़ी संस्थाओं के खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए गए थे। इसका एक बड़ा हिस्सा देश और विदेश से संदिग्ध स्त्रोत से कैश में जमा किया गया था।

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एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, ED ने कहा है कि, PFI के विदेश में रहने वाले कुछ सदस्यों ने भारत में प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) खातों में कोष भेजा जिसे बाद में कट्टरपंथी इस्लामी संगठन को स्थानांतरित कर दिया गया। इसका मकसद विदेशी वित्तोषण से संबंधित कानून से बचना था। पीएफआई ने विदेश में कोष इकट्ठा किया और उसे हवाला/अन्य माध्यम से भारत भेजा। ईडी ने कहा कि कोष पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के खातों के जरिए भी भेजा गया। एजेंसी ने कहा कि विदेश से हासिल कोष को सरकारी एजेंसियों से छुपाया गया और पीएफआई द्वारा ऐसे कोष और चंदा को जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि वह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत नहीं है।