CM Yogi Adityanath Birthday: आज उत्तर प्रदेश पहले जैसा नहीं रह गया। अब यहां सरेआम कत्ल नहीं हुआ करता। अब यहां किसी भी सुबह या शाम दंगा नहीं हुआ करता। अब यहां पर चोरी, रेप, क्राइम के मामलों में कटौती होने लगी है। अब यहां माफिया अपने आप पुलिस स्टेशन में आकर सरेंडर कर जाते हैं। बाहुबली महाफिया जिनके नामों की एक समय में तूती बोलती थी वो अब जेलों में हैं। जिन माफियाओं ने अपने धंधे को नहीं छोड़ा वो ऊपर चले गए। गरीब लोगों के हितों में एक नई बल्कि कई सारी परियोजनाओं लागू की गई हैं जिनका वो लाभ उठा रहे हैं। ये सब करने वाले हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। आज ही के दिन वर्ष 1972 में उन्होंने इस धरती पर जन्म लिया था।
उत्तराखंड का पौड़ी गढ़वाल तब उत्तर प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था। यूपी के उस जिले में पंचूर गांव में पांच जून 1972 को अजय सिंह बिष्ट के नाम के एक बालक ने जन्म लिया जो इस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। योगी आदित्यनाथ 1972 से लेकर 1992 तक वो पहाड़ों के हिस्सा रहे। एक भाषण प्रतियोगिता में गोरखनाथ पीठ के महंत अवैद्यनाथ की नजर अजय सिंह बिष्ट यानी योगी आदित्यनाथ पर और उन्होंने पूछा कि, क्या तुम गोरखपुर चलोगे। 1992 में गोरखपुर आने के पहले अवैद्यनाथ और योगी आदित्यनाथ में कई दफा मुलाकात हुई। 1990 के दशक में जब राममंदिर आंदोलन का आगाज हुआ तो अवैद्यनाथ आंदोलन के अगुवा बने। धीरे धीरे मिलने जुलने का सिलसिला चल पड़ा और 1992 में अजय सिंह बिष्ट हमेशा हमेशा के लिए पहाड़ को अलविदा कह दिया और मठ में आ गए और यहीं से उन्होंने राजनीति को बड़े करीब से देखा। क्योंकि, उनके गुरु अवैद्यनाथ राजनीति में सक्रिय थे। जब महंत अवैद्यनाथ की तबीयत खराब रहने लगी तो योगी आदित्यनाथ ने मठ की कमान संभाली।
अपनी सक्रिय राजनीति को जब महंत अवैद्यनाथ ने अलविदा कहा तो उस जगह के स्वाभाविक तौर पर आदित्यनाथ दावेदार बने और गोरखपुर से संसदीय जिम्मेदारी संभालने लगे। गोरखपुर के सांसद के तौर पर उन्होंने पूर्वांचल में बाढ़ से होने वाली तबाही को देखा तो इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों के दर्द को भी महसूस किया और उसका उदाहरण भारत की संसद बनी। 2017 के आते-आते समय बिल्कुल बदल गया और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ अब नई ऊंचाई छूने वाले थे। समाजवादी पार्टी को हराकर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया और योगी आदित्नाथ राज्य के पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पांच सालों के बाद उत्तर प्रदेश की जनता ने एक बार फिर से योगी आदित्यनाथ पर विश्वास जताते हुए अपने राज्य का फिर से मुखिया चुन लिया। वो दूबारा मुख्यमंत्री बने।