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Kerela Rain: केरल में भारी बारिश से मची तबाही, 18 मौतें और 22 लापता, कई जिलों में रेड अलर्ट

केरल में भारी बारिश से मचा तबाही

केरल में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के बाद कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई।वहीं कोट्टयम और इडुक्की जिलों के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन (landslide) में 22 लोगों के लापता होने की आशंका है। बारिश के कारण भयावह हुई स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्य के लिए सेना से मदद का अनुरोध करना पड़ा है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शाम को एक आपात बैठक बुलाई। राज्य के अधिकारियों ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में रात के  समय आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के जवान कोट्टयम के कूट्टीकल और इडुकी के पेरुवनथानम पहाड़ी गांव पहुंच रहें हैं। वहां पर नदी कई घरों को बहा ले गई है और कई लोग विस्थापित हुए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पठानमथिट्टा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सोशल मीडिया पर कोट्टयम जिले की कई तस्वीरें वायरल हुई हैं, जिनमें बाढ़ के पानी में फंसी केएसआरटीसी की बस और स्थानीय लोगों द्वारा बस में सवार यात्रियों को बचाने की तस्वीर शामिल है। इस बीच, तिरुवनंतपुरम के चेम्पकमंगलम में शुक्रवार रात को बारिश की वजह से दीवार का हिस्सा गिरने पर दो बच्चे चमत्कारिक रूप से बच गए।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, कि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमआई- 17 और सारंग हेलीकॉप्टर पहले ही तैयार रखे गए हैं। केरल में मौसम की स्थिति को देखते हुए वायुसेना की दक्षिणी कमान के सभी अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।’’ प्रवक्ता ने बताया, ‘‘भारतीय थलसेना पहले ही बाढ़ प्रभावित इलाकों में सैनिकों की तैनाती कर चुकी है। एक टुकड़ी को पैंगोड सैन्य ठिकाने से कोट्टयम जिले के कांजीरपनल्ली भेजा गया है जिनमें एक अधिकारी, दो जेसीओ और 30 अन्य जवान शामिल हैं।’’ भारतीय नौसेना के दक्षिणी कमान ने कहा कि वह बचाव एवं राहत अभियान मे स्थानीय प्रशासन की मदद के लिए पूरी तरह से तैयार है। नौसेना ने ट्वीट किया,‘‘गोताखोर और बचाव टीम सूचना मिलते ही तैनाती के लिए तैयार है। एक बार मौसम अनुकूल हो तो हेलीकॉप्टर से मदद शुरू करने के लिए तैयार हैं।’