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कर्नाटक में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी से लगातार जा रही जानें, अब 8 मरीजों ने तोड़ा दम, 72 घंटे में 40 मरीजों की हुई मौत

Lack of ventilator and oxygen in Karnataka

देश में कई राज्य ऐसे हैं जहां से कोरोना के सर्वाधिक मामले हैं, कर्नाटक भी उनमें से एक है। कर्नाटक में कोरोना मरीजों की रिकॉर्ड तो मामले सामने आ रहे हैं। यहां पेसेंट इलाज के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं, न तो अस्पतालों में बेड है और नहीं ऑक्सीजन। हालांकि यही परिस्थिति पुरे देश में बनी हुई है। वहीं, कर्टानक में वेंटिलेटर और ऑक्सिजन की कमी से आठ और कोरोना मरीजों की मौत हो गई। आठ और मरीजों की मौत के बाद राज्य में ऑक्सिजन और वेंटिलेटर न मिलने से मरने वालों का आंकड़ा 72 घंटे में बढ़कर 40 हो गया है।

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हुबली के एक अस्पताल में पांच लोगों की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के बाद शाम 4:30 बजे के आसपास मरीजों की मौत हो गई। हालांकि अधिकारियों ने ऑक्सिजन कमी के कारण मौत होने से इनकार कर दिया है। वहीं, जिला प्रशासन ने जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से क्या गया सफाई

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यशवंत मडिनकर ने कहा कि अस्पताल में 30 जंबो ऑक्सिजन सिलेंडर हैं जबकि यहां 21 कोविड मरीजों का इलाज चल रहा था। तर्क दिया कि ऑक्सिजन की कमी के कारण मरीजों की मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में 2KL क्षमता का ऑक्सिजन कंटेनर है और प्राकृतिक हवा के उपयोग से 85,000 लीटर ऑक्सिजन का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि अगर ऑक्सिजन की कमी होती है तो सिस्टम इसका अलर्ट पहले ही भेज देता।

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इससे पहले राज्य चामराजनगर में 24 मरीजों की हुई थी मौत

इस घटना के दो दिन पहले ही चामराजनगर अस्पताल में 24 कोविड मरीजों की मौत हो गई थी। बुधवार को 26 वर्षीय एक युवक की अस्पताल में मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि युवक को अस्पताल में उस बेड से हटा दिया गया जिस पर ऑक्सिजन की व्यवस्था थी। युवक की मौत के बाद परिवार वालों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था।

जिलों में अस्पतालों में एक्टिव मामलों की संख्या इतनी ज्यादा है कि मरीजों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है। राज्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि उनके पास भांडारण में पर्याप्त ऑक्सिजन है, लेकिन उन्हें ऑक्सीजन भरने के लिए सिलेंडर नहीं मिल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलों के कई निजी अस्पतालों ने ऑक्सिजन संकट के कारण नए रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया है। होम आइसोलेशन में रह रहे कई मरीजों की हालत गंभीर है और मर रहे हैं क्योंकि उन्हें ऑक्सिजन नहीं मिल पा रहा है।

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