महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जनता से वादा किया है कि, वो अपने पोस्ट का इस्तेमाल राज्य के लोगों को न्याय दिलाने ममें करेंगे। उन्होंने कहा कि, वो शिवसेना को धोखा नहीं दिए। बल्कि वो तो बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों का अनुसरण कर रहे हैं। ठाकरे ने हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना सिखाया। हमने जो किया यह सही है और यह एक नई क्रांती है। शिंदे ने कहा कि, नाहरिकों के जीवन में अच्छे दिन लाने का प्रयास करेंगे।
पुणे में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा, हम बालासाहेब ठाकरे के हिन्दुत्व को आगे ले जाने और धर्मवीर आनंद दिघे की शिक्षा को बढ़ावा देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि, वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ विचार-विमर्श के बाद अगले सप्ताह अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। साथ ही उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने और भाजपा के साथ गठबंधन में अगला चुनाव जीतने का भी भरोसा जताया। उन्होंने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के मध्यावधि चुनाव कराने के आह्वान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि राज्य सरकार मजबूत है और 288 सदस्यीय विधानसभा में उसे 164 विधायकों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास सिर्फ 99 विधायक हैं।
उद्धव ठाकरे को धोखा देने के संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए शिंदे ने कहा कि, हम बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने (ठाकरे) हमें अन्याय के खिलाफ खड़ा होना सिखाया। यह दलबदल नहीं है। यह एक क्रांति है। सभी विधायक स्वेच्छा से मेरे साथ जुड़े। मैं ही वास्तविक शिवसेना के नेता हूं और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने भी मेरे धड़े को मान्यता दी है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, भाजपा के पास 115 विधायक हैं और लोगों को महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद थी। लोग कहते हैं कि भाजपा सत्ता में आने के लिए अन्य दलों को तोड़ती है। मेरे पास 50 विधायक हैं। क्या लोग अब भी भाजपा के बारे में यही बात कह सकते हैं? वे नहीं कह सकते। मेरे जैसे एक छोटे कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।