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Spicejet विमान के दरवाजे से अचानक लीक होने लगी ऑक्सीजन, पायलट के समझदारी से बड़ा हादसा टला

Spicejet विमान के दरवाजे से अचानक लीक होने लगा ऑक्सीजन

पटना से गुवाहाटी जा रहे विमान में शनिवार को उड़ान भरने से पहले फ्लाइट के अंदर ऑक्सीजन की कमी आने लगी। अगर पायलट ने समझदारी नहीं दिखाई होती तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था और पायलट ने ये सूझबूझ सिर्फ चंद सेकेंड में दिखाई। दरअसल, फ्यूजलेज डोर चेतावनी का मतलब होता है खतरे की बड़ी घंटी। एक ऐसा खरनाक संकेत जिसे नजरअंदाज करने का परिणाम कफी भयावह है। आम भाषा में कहे तो, विमान के अंद ऑक्सीजन की कमी होने एक खतरनाक संकेत है। स्पाइसजेट की विमान ने रफ्तार पकड़ी ही थी कि पायलट को तभी इसका अंदेशा हुआ।

दरअसल, रनवे से उड़ान भरते समय विमान की रफ्तार काफी ज्यादा होती है। पटना एयरपोर्ट के रनवे की सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि रनवे खत्म होते ही चंद कदम पर एयरपोर्ट की चहारदिवारी है। ऐसे में इमरजेंसी ब्रेक लेने के बावजूद विमान के चहारदिवारी से टकराना तय था। दूसरी अगर पायलट ने टेकऑफ का विकल्प अपनाया होता तो हवा में विमान के भीतर ऑक्सीजन की घोर कमी हो सकती थी। उड़ान के बाद विमान की लैंडिंग में कम से कम दस से 15 मिनट का समय लगता और इतनी देर सांसों की किल्लत के बीच का हवाई सफर सोचकर यात्री सिहर उठे।

विमान के इंजन गर्म और हाई प्रेशराइज्ड हवा, जिसे ब्लीड एयर भी कहा जाता है, उसे कई स्टेप के बाद ठंडा कर केबिन में मौजूदा हवा में मिक्स किया जाता है। इसे आउटफ्लो वॉल्व के माध्यम से केबिन में छोड़ा जाता है। प्रेशर सेंसर केबिन में हवा के लेवल को मेंटेन करता है। इस प्रक्रिया के बाद ही 30 हजार फीट की ऊंचाई पर यात्रियों को सांस लेने में समस्या नहीं होती है। यात्रियों को विमान के भीतर जमीन जैसा ही हवा का दबाव महसूस होता है।

17 नवंबर 2021 को स्पाइस जेट के पटना अहमदाबाद फ्लाइट आई थी। विमान 30 हजार फीट की ऊंचाई पर था। ऐसे में विमान के पायलट ने एटीसी से संपर्क स्थापित कर विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई थी। बदा दें कि, केबिन प्रेशर कम होने के चलते ब्लड के फ्ले में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है जिसके चलते जोड़ों में दर्द, लकवा, यहां तक की मौत भी हो सकती है।