नर्स का किरदार 'मां' से कम नहीं होती, इसलिए शायद 'मदर्स डे' के दो दिन बाद 'नर्स डे' मनाया जाता है। कोरोना काल में नर्स हॉस्पिटल में मां बनकर मरीजों का ख्याल रख रही है। ये नर्सें अपने घर-परिवार, बेटा-बेटी सबकुछ त्याग कर आपकी जान बचाने में जुटी हुई है। कभी मां बनकर, तो कभी बहन बनकर आपका ख्याल रखती है। कभी गुस्सा करती है तो कभी प्यार जताती है लेकिन निस्वार्थ भाव से हमारी मदद करती है। नर्स नई जिंदगी देती है इसलिए वो 'भगवान' भी बन जाती है। इन्हीं के सम्मान में आज अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जा रहा है।
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इंटरनेशनल नर्स डे पर पीएम मोदी ने नर्सों को शुभकामनाएं दीं। पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन मेहनती नर्सिंग स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'इंटरनेशनल नर्स डे दिवस मेहनती नर्सिंग स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है, जो कोविड-19 से लड़ने में सबसे आगे है। स्वस्थ्य भारत के प्रति उनके कर्तव्य, करुणा और प्रतिबद्धता की भावना अनुकरणीय है।'
International Nurses Day is a day to express gratitude to the hardworking nursing staff, who is at the forefront of fighting COVID-19. Their sense of duty, compassion and commitment towards a healthy India is exemplary.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 12, 2021
नर्स दिवस को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने दिया था। जिसे तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डीडी आइजनहावर ने मंजूरी दी। पहली बार 1953 में नर्स डे मनाया गया जबकि इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स ने इस दिवस को पहली बार साल 1965 में मनाया था। दुनिया की पहली इटली की फ्लोरेंस नाइटिंगेल बनी थी। उनका जन्म 12 मई को हुआ था। इसलिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने की घोषणा जनवरी 1974 में की गयी।